एकजुट होकर मानवाधिकारों की आवाज बुलंद करने एवं रक्षा करने की शपथ ली

 


हरिद्वार। विश्व मानव अधिकार दिवस के अवसर पर रविवार को द ह्यूमन राइट्स वेलफेयर एसोसिएशन रजिस्टर्ड भारत द्वारा मानव अधिकार कॉन्फ्रेंस का आयोजन होटल बेसिल में किया। कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के अध्यक्ष राजीव कुरले ने व संचालन संस्था के राष्ट्रीय महासचिव अनूप प्रकाश भारद्वाज एडवोकेट ने किया। कॉन्फ्रेंस में  बाल संरक्षण बाल संरक्षण,नशा उन्मुलन,मिलावट खोरी पर वक्ताओं ने चर्चा की और एकजुट होकर मानवाधिकारों की आवाज बुलंद करने एवं रक्षा करने की शपथ ली। इस अवसर पर सर्वप्रथम अवध बिहारी चौरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष एवं मानव अधिकार नेत्री सुश्री पूनम गुप्ता ने कॉन्फ्रेंस संबोधन में कहा कि मानव अधिकार पूरे विश्व में मनाया जा रहा है और हमें मिलकर मानव अधिकारों की दिशा में लोगों को जागरूक करना चाहिए और उनके कर्तव्य का जनता को स्मरण कराते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्था जनहित में मानव अधिकारों के संरक्षण और संवर्धन हेतु विगत 23 वर्षों से निस्वार्थ भाव से कार्य कर रही है और मानवाधिकारों की अलख जगा रही है। संस्था के राष्ट्रीय महासचिव अनूप प्रकाश भारद्वाज एडवोकेट ने कहा कि किसी भी इंसान की जिंदगी उसकी आजादी उसकी बराबरी और उसका सम्मान ही मानव अधिकार है मानव अधिकार ऐसे अधिकार हैं जो हमारे पास इसलिए है क्योंकि हम मनुष्य और मनुष्य होने के नाते व्यक्ति को मानव के लिए उनके कल्याण के लिए सेवा भाव से मानव अधिकारों की दिशा में उनके संरक्षण और संवर्धन के लिए उनके अधिकारों के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। कॉन्फ्रेंस संबोधन में संस्था के जिला अध्यक्ष सुधांशु जोशी ने कहा कि संस्था के सदस्य घर-घर जाकर मानव अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे और और उनके अधिकारों एवं कर्तव्यों के बारे में बताएंगे ताकि मानव अधिकारों की रक्षा हो सके। कॉन्फ्रेंस संबोधन में अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के अध्यक्ष एवं समाजसेवी डॉक्टर राजीव कुरेले ने कहा कि की समाज में फैल रहा नशा शरीर में जहर घोल रहा है जिस कारण लोगों का मस्तिष्क सही कार्य न कर पाने के कारण व्यक्ति का शारीरिक और नैतिक आर्थिक हर प्रकार पतन हो जाता है और स्वयं मनुष्य अपने ही अधिकारों एवं समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को भूलकर गलत दिशा में बढ़ रहा है जिस कारण परिवार दुखी होता है। नशे को दीमक की तरह बताया जिसे जड़ से खत्म करना बहुत जरूरी है अन्यथा मानव अधिकारों की सुरक्षा करना संभव नहीं है। वक्ताओं में तेज प्रकाश साहू, शिवा कांत पाठक, राजेंद्र कुमार जिंदल मुकेश वाष्णय,मनोज बिश्नोई,पवन कुमार,प्रदीपवर्मा,सोहनलाल,अशरफ अली,राकेश कुमार सैनी, ऋषभ सैनी, सुभाष शर्मा,राजकुमार मलिक,रकम सिंह, गंभीर सिंह, ऋषिपाल सिंह सैनी, पंडित चंद्र मोहन शास्त्री ,गोविंद सिंह बिष्ट अखिलेश कुमार शर्मा आदि ने अपने-अपने विचार रखें।