भारतीय परंपरा और संस्कृति,धार्मिक आयोजन अनुष्ठान देश की उन्नति का प्रतीक


 हरिद्वार। श्री धू्रव चौरिटेबल हॉस्पिटल पीली श्यामपुर में विश्व शांति कल्याण हेतु 108 कुंडलीय  श्री राम महायज्ञ का भव्य आयोजन निरंतर चल रहा है, जिसमें आहुति देकर भक्तजन अपने जीवन को धन्य और कृतार्थ कर रहे हैं। इस अवसर पर भूमि पूजन कार्यक्रम भी संत महा ऋषियों के सानिध्य में संपन्न हुआ। इस अवसर पर बोलते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी जी महाराज ने कहा कि इस प्रकार के पावन अनुष्ठान विश्व भर में शांति का माहौल स्थापित करते हैं देश और समाज पर ईश्वर की कृपा बरसती है। सनातन धर्म की धर्म ध्वजा विश्व भर में लहराती है। इस अवसर पर बोलते हुए महामंडलेश्वर कपिल मुनि जी ने कहा इस प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान मनुष्य का लोक और परलोक दोनों सुधार देते हैं। संजय गिरी जी महाराज ने कहा हरिद्वार की पावन धरा पर विश्व कल्याण हेतु 108 कुंडलीय श्री राम महायज्ञ का आयोजन बड़े ही सौभाग्य का विषय है। इस प्रकार के आयोजन विश्व में शांति स्थापित करने के साथ-साथ समाज और देश पर ईश्वरीय कृपा करते हैं। देश में सुख शांति समृद्धि और वैभव की कोई कमी नहीं रहती। इस प्रकार के महान आयोजन मनुष्य की बुद्धि शुद्धि तो करते ही है साथ-साथ मनुष्य को सुख समृद्धि वैभव की प्राप्ति करते हैं। भगवान श्री राम महायज्ञ करने से भगवान श्री राम की कृपा बरसेगी, भक्तों का कल्याण होगा देश उन्नति करेगा। विश्व भर में सनातन का डंका बजेगा। भारतीय परंपरा और संस्कृति और हमारे रीति रिवाज धार्मिक आयोजन अनुष्ठान देश की उन्नति का प्रतीक है। इस अवसर पर बोलते हुए महंत विष्णु दास ने कहा श्री राम महायज्ञ का आयोजन परम सुखदाई है समाज और देश की उन्नति के साथ-साथ भगवान श्री राम माता जानकी विशेष कृपा प्रदान करने वाला फलदाई यज्ञ है। इस प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान समाज में धार्मिक क्रांति उत्पन्न करते हैं समाज को नई दिशा प्रदान करते हैं। इस अवसर पर संत श्री बालक दास जी महाराज ने कहा जगत कल्याण की भावना से निहित होकर श्री ध्रूव चौरिटेबल हॉस्पिटल में विश्व शांति कल्याण हेतु 1000 कुंडलीय श्री राम महायज्ञ का आयोजन किया गया जा रहा है। भगवान श्री राम देश में खुशहाली विश्व में शांति प्रदान करें इसी मनोरथ के साथ यह पवन आयोजन किया जा रहा है संतो की गरिमा में उपस्थित इस पावन कार्यक्रम को और अधिक पवन बना देती है इस अवसर पर वरिष्ठ कोतवाल कालीचरण जी महाराज भी उपस्थित थे।