ह्यूमन ट्रैफिंकिंग यूनिट ने हरकी पैड़ी पर लावारिस भटक रहे नाबालिग भाई बहन को पिता से मिलवाया


 हरिद्वार। एंटी ह्यूमन ट्रैफिंकिंग यूनिट टीम ने हरकी पैड़ी पर लावारिस भटक रहे नाबलिग सगे भाई बहन को रेस्क्यू कर परिजनों से मिलवा दिया। दिल्ली के रहने वाले भाई बहन घर से बिना बताए हरिद्वार आ गए थे और हरकी पैड़ी के आसपास घाटों पर भीख मांगकर गुजर बसर कर रहे थे। 13दिसम्बर को एएचटीयू टीम ने दोनों को रेस्क्यू किया था। बच्चों को रेस्कयू करने के बाद टीम ने उनके परिजनों की तलाश शुरू की। टीम ने विशेष अभियान चलाते हुए दिल्ली में बच्चों के पिता को खोज निकाला और हरिद्वार लाकर दोनों बच्चों को उनके सुपुर्द कर दिया। टीम में हेडकांस्टेबल राकेश कुमार,हेमलता पाल,कांस्टेबल दीपक चंद व जितेंद्र ने बताया कि बच्चों के पिता उनकी तलाश में दर-दर भटक रहे थे। एएचटीयू टीम ने दिल्ली पुलिस की सहायता से वीडियो कॉलिंग के माध्यम से दिल्ली के शाहदरा शहर व उसके आसपास परिजनों की तलाश हेतु विशेष अभियान चलाया। टीम को सफलता तब मिली जब टीम गली-गली बच्चों के परिजनों को तलाशते हुए बच्चो की बुआ पूजा पत्नी अरविंद कुमार के संपर्क में आई। बच्चों के पिता के पास कोई मोबाइल नहीं था। ऐसे में टीम ने बच्चों बुआ को साथ लेकर बच्चो के पिता विकास कुमार को भी तलाश कर लिया एवं हरिद्वार लाकर बच्चों से मिलवाया दोनो बच्चे अपने पिता को अचानक सामने देख कर दौड़कर अपने उनसे लिपट गए और रोने लगे। बच्चों के सकुशल मिलने पर पिता ने टीम और हरिद्वार पुलिस का धन्यवाद। मजदूरी करने वाले विकास कुमार ने बताया कि बच्चों की मां का 6 वर्ष पूर्व स्वर्गवास हो चुका है। उसके बाद से वे अकेले ही बच्चों की जिम्मेदारी उठा रहे हैं। 15 दिन पूर्व वे काम की तलाश में पुरानी दिल्ली गए थे। जब वह वापिस घर आए तो मकान मालिक ने बताया कि उनके बच्चे पांच दिन से घर नहीं आए हैं। जिससे वे काफी परेशान हो गए। बच्चों को रिश्तेदारों, सगे-संबंधियों के यहां तलाशा गया तो, वहा भी उनका  कुछ पता नहीं चला। बच्चों की फोटो साथ लिए कई दिन तक दर-दर भटकता रहा। लेकिन कुछ पता नहीं चलने पर निराशा बढ़ती जा रही थी। ऐसे में हरिद्वार पुलिस उनके लिए आशा की किरण लेकर आयी और दोनों बच्चों को सकुशल उनसे मिलवा दिया।