हरिद्वार। अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा देशभर के तीर्थो के विकास, तीर्थ स्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा तथा देशभर के तीर्थो को आपस में जोड़ने का कार्य करने जा रही है। तीर्थ पुरोहित सरकारों से मांग कर रही हैं कि तीर्थ स्थलों में ज्यादा हस्तक्षेप ना करेें। यह बात रविवार को प्रेस क्लब हरिद्वार में पत्रकारों से वार्ता करते हुए अखिल भारतीय तीर्थ पुरोेहित महासभा के अध्यक्ष आरके तिवारी एवं महासचिव नवीन नागर चतुर्वेदी ने सयुंक्त रूप से कही। उन्हांेने बताया कि अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा पिछले पांच दशक से तीर्थ स्थलों के संरक्षण का कार्य कर रही है। पूर्व में भी विभिन्न राज्यों में स्थित तीर्थो में सरकारी हस्तक्षेप के खिलाफ महासभा ने बढचढ कर कार्य किया और वहां की तत्कालीन सरकार को अपने कदम वापस लेने पड़े। महासभा के महासचिव नवीन नागर चतुर्वेदी ने बताया कि महासभा की नवनिवार्चित कार्यकारणी का चुनाव विगत सितम्बर माह में प्रयागराज यूपी में सम्पन्न हुआ। महासभा के गठन से लेकर अब तक के कार्यो की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि तत्कालिन उत्तराखण्ड सरकार द्वारा देव स्थानम विधेयक वापस लेने पर सरकार का धन्यवाद किया है। इस दौरान श्री गंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम ने बताया कि तीर्थ पुरोहित देशभर तीर्थो की पवित्रता और पौराणिकता बनाने का कार्य करेगी। महासभा के माध्यम से देशभर के पौराणिक तीर्थ स्थलों को ंजोड़ने का कार्य किया जाएगा साथ ही तीर्थ स्थलों में श्रद्धालुओं को मर्यादा का पालन कराने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस मौके पर श्री गंगा सभा महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने कहा कि तीर्थो का विकास आवश्यक हैं। महासभा चाहती है कि केन्द्र एवं राज्य सरकारें पौराणिक तीर्थो के विकास में वहां के पूरोहितों की भागीदारी सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि तीर्थो में बहने वाली पवित्र नदियों को प्रदुषण रहित आवश्यक हैं। पवित्र नदियों की अविरलता बनी रहती हैं तो निश्चित ही नदियां प्रदुषण मुक्त रहेगी। पत्रकार वार्ता के दौरान महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष यतिन्द्र सिखौला हरिद्वार, कोषासचिव बनवारी लाल शर्मा मथुरा, वरिष्ठ मंत्री हेमंत त्रिगुणायक सौरी बिहार, वरिष्ठ संगठन मंत्री राजेन्द्र पालीवाल प्रयागराज, मुकेश स्वामी वरिष्ठ प्रचार मंत्री मथुरा के अलावा श्री गंगा सभा हरिद्वार के समाज कल्याण मंत्री विकास प्रधान, कृष्ण कांत कोठियाल सहित अन्य पदाधिकारी मौजुद रहे।