हमें अपने पुरातन ज्ञान को आधुनिकता के साथ मिलाना होगा-लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह

 


इस दौरान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि स्वामी दयानन्द सरस्वती ने वेद और भारतीय संस्कृति के उन्नयन के लिए जो संकल्प लिया था उस पुनीत संकल्प को साकार करने के लिए स्वामी श्रद्धानन्द और उनके गुरुकुल की भूमिका न केवल उल्लेखनीय है बल्कि यह प्रेरणादायक भी है। राज्यपाल ने कहा कि इस संस्था ने चरित्र और राष्ट्र निर्माण में जो अभूतपूर्व भूमिका निभाई है वह देश के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। भारतीय ज्ञान परंपरा और वैदिक ज्ञान-विज्ञान के माध्यम से चरित्र निर्माण की दिशा में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की उल्लेखनीय भूमिका रही है। राज्यपाल ने कहा कि वेद विज्ञान और भारतीय ज्ञान परंपरा के विभिन्न स्रोतों को आधुनिक ज्ञान-विज्ञान के साथ समेकित करते हुए एक समावेशी शिक्षण और अनुसंधान का अंग बनाए जाने के उपाय अकादमिक जगत को खोजने होंगे। उन्होंने कहा कि हमें अपने पुरातन ज्ञान को आधुनिकता के साथ मिलाना होगा। भारतीय ज्ञान परंपरा और वेदों का ज्ञान हमें उचित मार्ग दिखा सकता है क्योंकि वहाँ मानवीयता और संवेदनशीलता के साथ ज्ञान का उद्भव और विकास हुआ है। हमें अपने आत्म मूल्य को समझना होगा।