मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का देवभूमि की समस्त जनता की ओर से उत्तराखण्ड में हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति जी भारत ही नहीं बल्कि समूचे विश्व में अपने उत्कृष्ट कानूनी ज्ञान एवं बौद्धिक कौशल के लिए जाने जाते हैं। उपराष्ट्रपति के सरंक्षण में संसद का उच्च सदन अर्थात राज्यसभा देश के विकास, लोककल्याण, कमजोर वर्ग के उत्थान के प्रयासों के नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है एवं उनके व्यापक अनुभव तथा विभिन मुद्दों की गहरी समझ, राष्ट्र को लाभान्वित कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि महान शिक्षाविद् एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती जी ने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के रूप में ये अद्भुत धरोहर मां भारती को सौंपी थीं, उसका हिस्सा बनना प्रेरक और आनंददायक है। उन्होंने कहा की अपने देश को महान बनाने के लिए हमें वेदों की ओर लौटना होगा। वेदों की ओर लौटने के महर्षि दयानंद के उद्घोष को अपने जीवन का ध्येय बनाना होगा। इस प्रकार के कार्यक्रमों से वेदों के ज्ञान को आम लोगों तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विगत ढाई वर्ष में हमने कुछ ऐसे महत्वपूर्ण और कठोर निर्णय लिए हैं,जो विगत 23 वर्षों में नहीं लिए गए थे। राज्य सरकार ‘सर्वश्रेष्ठ उत्तराखण्ड‘ निर्माण के अपने ‘विकल्प रहित संकल्प‘ के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा आगामी समय में उत्तराखंड देश का सबसे समृद्धशाली और सशक्त राज्य हो, इस भावना के साथ हम सभी को साथ मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। समारोह में उप राष्ट्रपति की धर्मपत्नी श्रीमती डॉ0 सुदेश धनखड ़,कुलाधिपति डॉ0 सत्यपाल सिंह,नगर विधायक मदन कौशिक,रूड़की विधायक प्रदीप बत्रा, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, पूर्व कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद, पूर्व विधायक सुरेश राठौर, संजय गुप्ता, महामण्डलेश्वर स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश, महानिर्वाणी के महन्त रविन्द्र पुरी, आई0जी0 गढ़वाल के0एस0 नगन्याल, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोभाल, कुलपति प्रो0 सोमदेव शतांशु, कुलसचिव प्रो0सुनील कुमार,कार्यक्रम संयोजक प्रो0 प्रभात कुमार, मुख्याधिष्ठाता डॉ0 दीनानाथ शर्मा सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, छात्र,छात्रायें, साधु-सन्त तथा विशिष्ठजन उपस्थित थे।