गुरू के प्रति श्रद्धा से ही प्राप्त होता है उच्च मुकाम-स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती

 हरिद्वार। ब्रह्मलीन महंत वरियाम दास महाराज की दूसरी पुण्यतिथि पर मिस्सरपुर स्थित गौधाम आश्रम के महंत देवेंद्र दास के संयोजन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सभी तेरह अखाड़ों के संत महंतों ने भावपूर्ण स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि परमात्मा स्वरूप गुरू के प्रति श्रद्धा ही शिष्य को उच्च मुकाम पर ले जाती है। महंत देवेंद्र दास महाराज की उनके गुरू ब्रह्मलीन महंत वरियाम दास महाराज के प्रति अगाथ श्रद्धा व भक्ति सभी के लिए अनुकरणीय है। महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद महाराज एवं महामंडलेश्वर स्वामी संतोषानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत वरियाम दास महाराज दिव्य संत थे। सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव सेवा का संकल्प लेना चाहिए। महंत रूपेंद्र प्रकाश, महंत प्रबोधानंद गिरी एवं स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत वरियाम दास महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत और आध्यात्मिक जगत की महान विभूति थे। महंत देवेंद्र दास महाराज ने सभी संत महंतों का स्वागत करते हुए कहा कि ब्रह्मलीन गुरूदेव महंत वरियाम दास महाराज से प्राप्त ज्ञान और शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए उनके अधूरे कार्यो को पूरा करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। इस दौरान महंत भगवत स्वरूप, महंत राघवेंद्र दास, स्वामी संतोषानंद, स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, स्वामी कपिल मुनि, स्वामी प्रबोधानंद, महंत गंगादास, महंत विष्णुदास, महंत प्रह्लाद दास, महंत देवेंद्र दास, स्वामी हरिवल्लभ दास, महंत हनुमान बाबा, महंत रघुवीर दास, महंत सूरजदास, स्वामी कृष्णानंद, स्वामी निर्मल दास, महंत मोहन सिंह मंहत दुर्गादास,मंहत प्रेमदास,मंहत तीर्थसिह,मंहत बिहारीशरण, मंहत गोबिद दास,स्वामी अकित शरण, सहित बड़ी संख्या में संत व श्रद्धालु मौजूद रहे।