मर्म बिंदुओं को सुरक्षित रखते हुए की जानी चाहिए चिकित्सा-डा.सुनील जोशी


 हरिद्वार। वैदिक आयुर्विज्ञान प्रतिष्ठान नंदीपुरम के प्रांगण में पांच दिवसीय मर्म चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर में प्रतिभागियों को मर्म चिकित्सा और रोगों में की जाने वाली विभिन्न पद्धतियों के अंतर्गत मर्म बिंदुओं का महत्व बताते हुए डा.सुनील जोशी ने कहा कि मर्म चिकित्सा 107 बिंदुओं पर आधारित है। उनमें से 19मर्म बिंदुओं को सुरक्षित रखते हुए मर्म चिकित्सा की जानी चाहिए। इन 19मर्म बिंदुओं पर आघात होने से रोगी को हानि हो सकती है। प्रशिक्षण शिविर में मर्म चिकित्सा विशेषज्ञ मयंक जोशी ने बताया कि एलोपैथी में किए जाने वाले विभिन्न ऑपरेशन भी इन्हीं 19मर्म बिंदुओं को सुरक्षित रखते हुए किए जाते हैं। आयुर्वेद ने तो इन मर्म बिंदुओं पर विशेष बल दिया है। जिन्हें उत्प्रेरित करने से तुरंत रोगों का समाधान होता है। दिल्ली से आए मर्म चिकित्सा विशेषज्ञ श्याम सोनी ने मर्म चिकित्सा के विस्तृत कार्य क्षेत्र को वर्तमान समय की आवश्यकता बताते हुए कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया एलोपैथी के दुष्प्रभाव से ग्रसित है। वहीं मर्म चिकित्सा शरीर में स्थित आंतरिक ऊर्जा को जागृत कर असाध्य रोगों का इलाज करने में सफल है। यह एक चमत्कारिक चिकित्सा है। जिसे विभिन्न देशों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है। प्रशिक्षण शिविर में गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली से आए हुए प्रतिभागी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है। फ्रांस से आए हुए प्रतिभागियों ने इस चिकित्सा में विशेष रुचि दिखाई।