गुरु ही भक्तों को ज्ञान का अमृत्व प्रदान सकते हैं-स्वामी इंद्र दास जी महाराज

 


हरिद्वार। खड़खड़ी स्थित श्री साहेब धाम मे पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन स्वामी ईश्वर दास जी महाराज की 79वी पुण्यतिथि एक विशाल आयोजित संत समागम में महामंडलेश्वरों, महंतो श्री महंतो,संतो तथा श्रद्वालुओं की गरिमामय उपस्थिति में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर बोलते हुए आश्रम के परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी इंदर दास जी ने कहा गुरु ही भक्तों को ज्ञान का अमृत्व प्रदान कर सकते हैं। गुरु सूर्य के सामान अपने ज्ञान का तेज भक्तों को प्रदान कर उनकी ज्ञान इंद्रियों को खोल देते हैं। उन्हें इस लोक से लेकर परलोक तक का ज्ञान प्राप्त हो जाता है उन्हें भली-भांति अनुभव हो जाता है कि उन्हें इस लोक में क्या करना है ताकि उनका लोक और परलोक सुधर जाए। गुरु की महिमा बड़ी ही अपरंपार होती है ईश्वर से गुरु ही करते भवसागर पार गुरु ईश्वर तक पहुंचाने की सीढी है। स्वामी इंद्र दास जी महाराज ने सभी भक्तजनों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर बोलते हुए संत श्री रविंद्र दास जी ने कहा गुरु चरणों की महिमा बड़ी ही अपरंपार होती है। स्वामी इंद्र दास जी महाराज भी एक परम विद्वान त्याग मूर्ति ज्ञान मूर्ति तपस्वी संत हैं ,मुझे उनके श्री चरणों में सेवा करने का अवसर मिल रहा।ब्रह्मलीन स्वामी ईश्वर दास जी महाराज जिनकी आज हम 79वीं पुण्यतिथि भंडारे और वार्षिक उत्सव के रूप में मना रहे हैं। दूसरी तरफ उन्हीं के समान परम प्रतापी विद्वान संत है गुरुदेव स्वामी इंद्र दास जी महाराज। इस अवसर पर महामंडलेश्वर प्रबोधानंद महाराज,महंत नारायण दास पटवारी,महंत शुभम गिरी,महंत कमलेशानंद महंत दलजीत सिंह,डॉ कृष्ण देव,महंत विष्णु दास,महंत रघुवर दास,महंत विनोद महाराज, श्याम गिरी,श्रवण दास महाराज, वरिष्ठ कोतवाल कालीचरण महाराज सहित भारी संख्या में संत महंत उपस्थित थे।