भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ

 हरिद्वार। विल्केश्वर कालोनी स्थित उत्सव भवन में सूरी परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा के साथ किया गया। श्रद्धालुओं को प्रथम दिवस की कथा श्रवण कराते हुए कथा व्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि जन्म -जन्मांतर के पुण्य जागृत होने पर श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन एवं श्रवण का अवसर प्राप्त होता है। शास्त्री ने बताया कि सतयुग,त्रेता युग एवं द्वापर युग में पुण्य प्राप्ति के लिए अश्वमेध यज्ञ,राजसूय यज्ञ,वाजपेई यज्ञ किए जाते थे। परंतु कलयुग में श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन करने मात्र से ही अश्वमेध यज्ञ,राजसूय यज्ञ एवं वाजपेय यज्ञ का फल प्राप्त हो जाता है। श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने से पूर्वजों की आत्मा को भी परमात्मा की प्राप्ति हो जाती है। उन्होंने कहा कि धुंधकारी ने जीवन पर्यंत पाप कर्म किए और मृत्यु के उपरांत धुंधकारी प्रेत योनि में पहुंच गया। धुंधकरी की आत्मा को प्रेत योनि से मुक्त कराने के लिए उसके भाई गौकर्ण ने श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया। कथा के प्रभाव से धुंधकारी प्रेत योनि से मुक्त होकर परमात्मा के धाम को प्राप्त हुआ। कथा के मुख्य जजमान एकता सूरी,सुरेश कुमार सूरी,पीयूष सूरी,ज्योति सूरी,तनिष्का सूरी,रेशम सूरी,दिनेश सूरी,हर्ष सूरी, राहुल सूरी,सोनिया सूरी,भजनलाल सूरी के साथ बिल्केश्वर कॉलोनीवासियों भागवत पूजन कर कथा व्यास से आशीर्वाद प्राप्त किया।