बकाया वसूली पर विशेष ध्यान दिया जाये,मामले में कत्तई ढिलाई न बरती जाये-जिलाधिकारी


 हरिद्वार। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में राजस्व कार्यों एवं अन्य की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। जिलाधिकारी को बैठक में अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) दीपेन्द्र सिंह नेगी ने राजस्व कार्यों आदि के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में जिलाधिकारी ने एसडीएम कोर्ट, तहसीलदार कोर्ट आदि में राजस्व से सम्बन्धित कितने प्रकरण लम्बित हैं,कितने प्रकरणों का निस्तारण किया गया तथा कौन से केस कितने समय से लम्बित हैं, के सम्बन्ध में एक-एक करके अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिये कि जिस भी कोर्ट में जो भी प्रकरण लम्बित हैं,उन्हें अधिकाधिक समय देते हुये उनका निस्तारण तेजी से करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा आम जनता बड़ी आशा से अपने प्रकरणों को लेकर आती है। इसलिये जो रूटीन के काम हैं,वे नियमित रूप से होने चाहिये तथा जो भी आवश्यक बैठकें आदि की जानी हैं,वे अपराहन के बाद की जायें। उन्होंने कहा कि जहां चाह है, वहां राह है। अतः लोगों के हित का पूरा ध्यान रखा जाये। श्री गर्ब्याल ने बैठक में चकबन्दी के कार्यों की प्रगति के सम्बन्ध में जानकारी ली तो चकबन्दी से जुड़े हुये कुछ अधिकारियों के अनुपस्थित पाये जाने पर उन्होंने नाराजगी प्रकट की तथा ऐसे अधिकारियों का स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिये। उन्होने ये भी निर्देश दिये कि चकबन्दी से सम्बन्धित प्रकरणों आदि के निष्पादन के सम्बन्ध में अलग से बैठक आयोजित की जाये। उन्होंने बैठक में धारा-09,12,21,42 में चल रहे प्रकरणों के सम्बन्ध में भी अधिकारियों से जानकारी ली। जिलाधिकारी ने बैठक में वसूली का जिक्र करते हुये अधिकारियों से कोैन-कौन से बकायेदार हैं,के सम्बन्ध में पूरी जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिये कि जो बड़े 10 बकायेदार हैं,उनका पूरा विवरण एक डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से प्रदर्शित किया जाये तथा उस विवरण को समाचार पत्रों आदि में भी प्रकाशित कराया जाये। उन्होंने कहा कि वसूली पर विशेष ध्यान दिया जाये तथा इस मामले में कत्तई ढिलाई न बरती जाये एवं वसूली की जो भी कार्रवाई करनी है,वह दु्रत गति से की जाये। जिलाधिकारी द्वारा वार्षिक खतौनी के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली तो सन्तोषजनक उत्तर न मिलने पर उन्होंने निर्देश दिये कि रोस्टर बनाकर 15 दिन के भीतर खतौनी तैयार की जायें तथा जब तक खतौनी बन नहीं जाती है,तब तक लेखपालों का वेतन आहरण न किया जाये। बैठक में जिलाधिकारी ने गुण्डा ऐक्ट,सीनियर सिटीजन के प्रकरण,भरण-पोषण के मामले,शत्रु सम्पत्ति,आडिट आपत्ति,भगवानपुर में तहसील भवन का निर्माण,विभागीय कार्रवाई, पदोन्नति,पेंशन,सेवा का अधिकार,मजिस्ट्रियल जांच,ई-आफिस के माध्यम से कार्य संचालित करने आदि की भी विस्तार से समीक्षा की तथा इस सम्बन्ध में अधिकारियों को दिशा-निदेश दिये। इस अवसर पर सिटी मजिस्ट्रेट प्रेमलाल ,डिप्टी कलक्टर मनीष सिंह,एसडीएम सदर अजय बीर सिंह,एसडीएम भगवानपुर जितेन्द्र कुमार ,एसडीएम लक्सर गोपाल सिंह,एएसडीएम रूड़की विजयनाथ शुक्ल,जिला खनन अधिकारी प्रदीप कुमार,तहसीलदार रूड़की दयाराम,हरिद्वार श्रीमती रेखा आर्य,लक्सर प्रताप सिंह चौहान ,सब रजिस्ट्रार लक्सर सुश्री प्रमिला, रूड़की चारू अग्रवाल,चकबन्दी अधिकारी अनिल कुमार ,आर0ए0 नारायण शरण तिवारी,पेशकार नवल किशोर शर्मा सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।