पौराणिक तीर्थो की यात्रा कर हरिद्वार पहुंची जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी

 


हरिद्वार। गढ़वाल और कुमांऊं मंडल के पौराणिक तीर्थो की यात्रा पर गयी श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी वापस हरिद्वार लौट आयी है। बुधवार की शाम श्यामपुर स्थित श्री प्रेमगिरी धाम पहुंची पवित्र छड़ी का संतों ने पूजा अर्चना कर स्वागत किया। छड़ी के प्रमुख महंत तथा श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज ने बताया कि यात्रा का समापन 25 नवंबर को होना था। लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी होने के कारण ओम पर्वत, आदि कैलाश, नारायण आश्रम जाने का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। उन्होंने बताया कि 31 अक्टूबर को ऋषिकेश स्थित तारा मंदिर से यात्रा शुरू करने के बाद पवित्र छड़ी लाखामंडल,यमुनोत्री,गंगोत्री,उत्तरकाशी के विश्वनाथ मंदिर,रुद्रप्रयाग में कोटेश्वर महादेव, केदारनाथ,बद्रीनाथ,ऊखीमठ,त्रिजुगी नारायण,धारी देवी,पांडुकेश्वर,जोशीमठ में शंकराचार्य गुफा, अक्षय वट दर्शन,नरसिंह मंदिर में पूजा अर्चना के प्रथम चरण को पूरा कर रात्रि विश्राम के लिए कर्णप्रयाग पहुंची। कर्णप्रयाग से यात्रा के दूसरे चरण में पवित्र छड़ी कुमांऊं मंडल के पौराणिक तीर्थ बागेश्वर पहुंची। बागनाथ मंदिर में पूजा अर्चना तथा सरयू गोमती संगम में स्नान के पश्चात पवित्र छड़ी ने बैजनाथ धाम,गोल्ज्यू मंदिर,हिंगलाज देवी मंदिर में पूजा अर्चना की। चंपावत में पूर्व पालिका अध्यक्ष प्रकाश तिवारी ने पवित्र छड़ी की आगवानी की और नगर में शोभायात्रा निकाली गई। चंपावत से पवित्र छड़ी पिथौरागढ़ पहुंची। लेकिन मौसम खराब होने और बर्फबारी के चलते मार्ग बंद होने के कारण ओम पर्वत नहीं जा सकी और टनकपुर में माता पूर्णागिरि के दर्शन के पश्चात बुधवार को श्यामपुर लौट आयी। बृहस्पतिवार सवेरे श्यामपुर में जगतगुरु शंकराचार्य शोभायात्रा समिति के अध्यक्ष श्रीमहंत देवानंद सरस्वती,जूना अखाड़े के उपाध्यक्ष श्रीमहंत केदारपुरी, माई बाड़ा की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहन्त अन्नपूर्णा गिरी, राष्ट्रीय मंत्री श्रीमहंत महेश पुरी,श्रीमहंत शैलेंद्र गिरी,श्रीमहंत पूर्णागिरि,श्रीमहंत रामगिरी, महंत शंभू पुरी,महंत धीरेंद्र पूरी आदि ने पवित्र छड़ी की पूजा अर्चना कर जूना अखाड़ा स्थित पौराणिक मंदिर माया देवी के लिए रवाना किया। बैंड बाजो, ढोल नगाड़ों के साथ शोभायात्रा के रूप में माया देवी मंदिर पहुंची पवित्र छड़ी को पूर्ण विधान के साथ मंदिर में स्थापित कर दिया गया। पवित्र छड़ी यात्रा में शामिल नागा संन्यासियों महंत वशिष्ठ गिरि,महंत आकाश गिरि,महंत आदित्य गिरि,महंत पुष्कर राजगिरी,महंत जनकपुरी,महंत रंजीतानंद गिरि,महंत अजय पुरी,महंत चेतन गिरी,महंत हरी शरण वन,महंत शिवदत्त गिरि,महंत महेंद्र गिरि,महंत अमृतपुरी आदि का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।