सनातन धर्म संस्कृति में महिलाओं का गरिमामय स्थान -श्रीमहंत रविंद्रपुरी

 हरिद्वार। अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि नवरात्र का पर्व सनातन धर्म संस्कृति और समाज में महिलाओं के गरिमामय स्थान को प्रदर्शित करता है। अश्विन और चैत्र माह में आने वाले नवरात्र मां भगवती की आराधना का श्रेष्ठ समय है। उन्होंने कहा कि नवरात्रों में नौ दिनों तक सात्विक जीवन व्यतीत करते हुए मां भगवती की उपासना,व्रत करने से तन और मन दोनों की शुद्धि होती है और अंतःकरण में ज्ञान का प्रकाश होता है। जिसके प्रभाव से व्यक्ति सद्मार्ग पर अग्रसर होता है। सद्मार्ग ही कल्याण का मार्ग है। उन्होंने कहा कि मां दुर्गा संसार की परम शक्ति है। परम शक्ति की आराधना से समस्त रोग,दोष आदि समस्त व्याधियां दूर होती हैं। जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। परिवार में खुशहाली आती है और समाज में सद्भाव का वातावरण बनता है। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि जीवन को गति प्रदान करने के लिए शक्ति की आराधना जरूरी है। देवी आदि शक्ति की कृपा प्राप्त करने के लिए नवरात्र में प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं के प्रति समाज में अत्याचार बढ़ रहे हैं। ऐसे में नवरात्र साधना करते हुए बालिकाओं के संरक्षण संवर्द्धन और महिलाओं की रक्षा करने का संकल्प भी लें।