सेवा ही सनातन धर्म और संत महापुरूषों का उद्देश्य है-श्रीमहंत रविंद्रपुरी

 


हरिद्वार। अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविं्रदपुरी महाराज ने रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम के सचिव स्वामी दयामूर्त्यानन्द महाराज, स्वामी अनाघानंद एवं स्वामी एकाश्रयानंद का फूलमाला पहनाकर और मां मनसा देवी का चित्र भेंटकर स्वागत किया। निरंजनी अखाड़े में संतों का स्वागत करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि सेवा ही सनातन धर्म और संत महापुरूषों का उद्देश्य है। गरीब, जरूरतमंद और असहायों की सेवा ईश्वर पूजा के समान है। मानव सेवा में रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम का उल्लेखनीय योगदान सभी के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल और अब डेंगू से पीड़ित रोगियों की सेवा में रामकृष्ण मिशन ने उत्कृष्ट योगदान किया। जिससे हजारों लोगों को राहत मिली। स्वामी दयामूर्त्यानन्द महाराज ने कहा कि धर्म संस्कृति का प्रचार प्रसार करने के साथ देश को सांस्कृतिक रूप से एकजुट करने में भी संत समाज की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में सेवा कार्यो में श्रीमहंत रविंद्रपुरी विशेष भूमिका निभा रहे हैं। उनके द्वारा किए जा रहे सेवा कार्यो से अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिल रही है। निरंजनी अखाडे के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि रोगों से पीड़ित मानवता की सेवा में रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम का योगदान बेहद प्रशंसनीय है।