असत्य पर सत्य की जीत के साथ शांति स्थापना का संदेश देती है विजय दशमी-महामंडलेश्वर स्वामी उमाभारती

 


हरिद्वार। भूपतवाला स्थित उमेश्वर धाम की परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी उमाभारती महाराज के संयोजन में आश्रम में पिछले नौ दिनों से आयोजित नवरात्र साधना विजया दशमी पर संपन्न हुई। इस अवसर पर सभी को विजया दशमी की शुभकामनायें देते हुये महामंडलेश्वर स्वामी उमाभारती महाराज ने कहा कि विजया दशमी का पर्व विजयश्री,असत्य पर सत्य की विजय,बुराई पर अच्छाई की विजय और आतंक पर शान्ति की स्थापना का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि विजया दशमी पर प्रभु श्रीराम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी और माँ दुर्गा ने महिषासुर का वध कर आतंक को समाप्त किया था। उन्होंने कहा कि विजय दशमी के साथ समाप्त होने वाले नवरात्र सनातन धर्म का बेहद महत्वपूर्ण सांस्कृतिक पर्व हैं। देवी भगवती की आराधना को समर्पित नवरात्र जीवन को सार्थकता प्रदान करते है। नवरात्र आराधना से साधक में आध्यात्मिक चेतना जागृत होती है। नवरात्र आराधना के नौ दिन पूरे होने के बाद दसवें दिन मनाए जाने वाला विजय दशमी पर्व धार्मिक,सांस्कृतिक व सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा धर्म,जाति या पंथ के भेदभाव के बिना उल्लास और प्रेम का संदेश भी देता है। स्वामी शिवानन्द भारती ने सभी संत महापुरूषों व श्रद्धालुजनों का स्वागत किया। सतपाल ब्रह्मचारी, स्वामी ऋषिश्वरानन्द व स्वामी ऋषि रामकृष्ण ने कहा कि महामंडलेश्वर स्वामी उमाभारती महाराज के संयोजन में आश्रम में धार्मिक गतिविधियों के साथ गरीब जरूरतमंद वर्ग की मदद के लिए कई सेवा प्रकल्पों का संचालन भी किया जा रहा है,जोकि बेहद सराहनीय व सभी के लिए प्रेरणादायी है। इस अवसर पर स्वामी शिवम महाराज,महंत दुर्गादास,महंत प्रहलाद दास,स्वामी पारसमुनि, स्वामी कृष्णानंद सहित कई संत व श्रद्धालु मौजूद रहे।