हरिद्वार। भेल सेक्टर-2 स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में अभिभावक सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रबंधक दीपक सिंघल,विद्यालय अध्यक्ष डा.शिवशंकर जायसवाल,भारतीय शिक्षा समिति उत्तराखंड के मंत्री रजनीकांत शुक्ल, अभिभावक निमेश बहुगुणा,राकेश शर्मा तथा विद्यालय के प्रधानाचार्य लोकेंद्र दत्त अंथवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के आचार्य भानु प्रताप सिंह चौहान ने किया। विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य प्रवीण कुमार कहा कि सभी अभिभावक बच्चों को समय से विद्यालय भेजें, बच्चों को अल्पाहार अवश्य दें और प्रतिदिन बच्चों की स्कूल डायरी अवश्य चेक करें। डा.शिवशंकर जायसवाल ने कहा कि परीक्षाफल केवल बच्चों का परीक्षाफल नहीं है। बल्कि शिक्षकों और अभिभावकों का भी परीक्षाफल है। यदि शिक्षक और अभिभावक दोनों मिलकर प्रयास करेंगे तो छात्र अवश्य प्रगति करेंगे। रजनीकांत शुक्ल ने कहा कि सरस्वती विद्या मंदिर में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी दिए जाते हैं। प्रधानाचार्य लोकेंद्र दत्त अंथवाल ने कहा कि विद्यालय का उद्देश्य शिक्षा के साथ छात्रों का सर्वांगीण विकास के साथ उन्हें संस्कारित करना है। संस्कारित छात्र एक अच्छे नागरिक के रूप में देश की प्रगति में सहयोग कर सकते हैं।
सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में किया अभिभावक सम्मेलन का आयोजन
हरिद्वार। भेल सेक्टर-2 स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में अभिभावक सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रबंधक दीपक सिंघल,विद्यालय अध्यक्ष डा.शिवशंकर जायसवाल,भारतीय शिक्षा समिति उत्तराखंड के मंत्री रजनीकांत शुक्ल, अभिभावक निमेश बहुगुणा,राकेश शर्मा तथा विद्यालय के प्रधानाचार्य लोकेंद्र दत्त अंथवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के आचार्य भानु प्रताप सिंह चौहान ने किया। विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य प्रवीण कुमार कहा कि सभी अभिभावक बच्चों को समय से विद्यालय भेजें, बच्चों को अल्पाहार अवश्य दें और प्रतिदिन बच्चों की स्कूल डायरी अवश्य चेक करें। डा.शिवशंकर जायसवाल ने कहा कि परीक्षाफल केवल बच्चों का परीक्षाफल नहीं है। बल्कि शिक्षकों और अभिभावकों का भी परीक्षाफल है। यदि शिक्षक और अभिभावक दोनों मिलकर प्रयास करेंगे तो छात्र अवश्य प्रगति करेंगे। रजनीकांत शुक्ल ने कहा कि सरस्वती विद्या मंदिर में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी दिए जाते हैं। प्रधानाचार्य लोकेंद्र दत्त अंथवाल ने कहा कि विद्यालय का उद्देश्य शिक्षा के साथ छात्रों का सर्वांगीण विकास के साथ उन्हें संस्कारित करना है। संस्कारित छात्र एक अच्छे नागरिक के रूप में देश की प्रगति में सहयोग कर सकते हैं।