डेंगू को लेकर जिला प्रशासन चौकस,कंट्रोल रूम का आगाज,दिए निर्देश

 हरिद्वार। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन जनपद में डेंगू के मामलों पर निरंतर निगरानी रखे हुए हैं तथा समय-समय पर उनके तथा अधिकारियों द्वारा जनपद के विभिन्न स्थानों का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है, जिसे देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन ने अवगत कराया है कि वर्तमान में प्रदेश में डेंगू के मामले अत्यधिक संख्या में पाये जा रहे है, जिससे डेंगू के रोगियों में प्रायः ऐसा देखा जा रहा है कि रोगियों के शरीर में प्लेटलेट्स की कमी हो रही है, जिससे सामान्य जन के मन में प्लेटलेट्स की उपलब्धता एवं जानकारी को लेकर भय,संशय उत्पन्न हो रहा है। ऐसी स्थिति में डेंगू बीमारी एवं उपचार पर प्रभावी नियंत्रण व अधिक जागरूकता अभियान चलाये जाने की आवश्यकता को देखते हुए जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र में आपदा कन्ट्रोल रूम के साथ-साथ डेंगू कन्ट्रोल रूम के रूप में परिवर्तित किया गया है,जिसके दूरभाष नम्बर 01334-223999, 239444, 7055258800,7900224224 हैं, जो 247 की तर्ज पर संचालित किया जायेगा। मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन ने डेंगू के मामलों की निरंतर निगरानी रखने के लिये अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जनपद में डेंगू के मामलों की सूचना प्रतिदिन सायं 5ः00बजे तक मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार,समस्त उप जिलाधिकारी, समस्त खण्ड विकास अधिकारी व स्थानीय निकाय के नगर आयुक्त अधिशासी अधिकारी द्वारा नियमित रूप से प्रेषित की जाये। इसके साथ ही‘‘डेंगू कन्ट्रोल रूम‘‘में डेंगू से सम्बन्धित आने वाली समस्त कॉल को पृथक से पंजिका में दर्ज किया जाये एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा एक विशेषज्ञ को आपदा डेंगू कन्ट्रोल रूम में नियुक्त किया जाये,जिनके द्वारा डेंगू के सम्बन्ध में दूरभाष पर मांगे जाने वाले चिकित्सकीय परामर्श दिया जायेगा। इसके साथ ही डेंगू विशेषज्ञ द्वारा जनपद के सरकारी एवं निजी अस्पतालों से समन्वय रखते हुए अस्पताल में बेडों की उपलब्धता का विवरण भी रखा जायेगा। श्री जैन ने ये भी निर्देश दिये हैं कि शहरी क्षेत्रों के जिस भी मौहल्ले, कॉलोनी, बस्ती में डेंगू के 05 से अधिक मामले पाये जाते है,वहाँ नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारी,नगर स्वास्थ्य अधिकारी एवं सम्बन्धित अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी द्वारा उस क्षेत्र का स्वयं भ्रमण किया जायेगा एवं उस क्षेत्र को डेंगू हॉटस्पाट क्षेत्र घोषित करते हुए उस क्षेत्र में व्यापक लार्वानाशी स्प्रे एवं फॉगिंग सुनिश्चित किया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के 05 से अधिक मामले पाये जाने पर सम्बन्धित उप जिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी उस क्षेत्र का स्वयं भ्रमण करेंगे तथा उस क्षेत्र को डेंगू हॉटस्पाट क्षेत्र घोषित करते हुए क्षेत्र में व्यापक डेंगू रोधी छिड़काव सुनिश्चित कराते हुए क्षेत्र में लगातार जन-जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने ये भी निर्देश दिये हैं कि समस्त स्थानीय निकाय क्षेत्रों में सतत् अभियान चलाते हुए डेंगू के लार्वा पाए जाने की स्थिति में सम्बन्धितों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही भी की जाये।