पूर्व किराएदारों ने लूटपाट के इरादे से साथियों के साथ मिलकर दिया हत्याकांड को अंजाम
हरिद्वार। बैरागी कैंप में सेवाश्रम संचालक बुजुर्ग की हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है,जबकि हत्याकांड में शामिल दो आरोपी अभी फरार हैं। पुलिस के अनुसार हत्या की वजह लूटपाट है। पुलिस के अनुसार मृतक अशोक चढ्डा ने सिंचाई विभाग से सेवानिवृत्त होने के पश्चात बैरागी कैंप क्षेत्र में सेवाश्रम बनाया था। जिसमें यात्रियों और कामगारों को किराये पर कमरे देते थे। 11 सितम्बर को उनका खून से सना शव बाथरुम के पास से बरामद हुआ था। आरोपियों ने लूटपाट के इरादे से बुजुर्ग की गला रेतकर हत्या कर दी थी। हत्याकांड को अंजाम देने वालों में आश्रम के दो पूर्व किराएदार भी शामिल हैं। हत्याकांड का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को डीजीपी ने 25 हजार, आईजी रेंज ने 10 हजार व एसएसपी ने 5 हजार रूपए का ईनाम देने की घोषणा की है। मृतक अशोक चढ्ढा के परिजनों ने भी पुलिस टीम को 51सौ रूपए का चेक भेंट किया है। रोशनाबाद स्थित जिला पुलिस कार्यालय में प्रैसवार्ता के दौरान हत्याकांड का खुलासा करते हुए एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि शुरूआती जांच में पुलिस को आश्रम के केयर टेकर पर संदेश था। किन्तु गहराई से की गयी जांच पड़ताल में हत्यारे सेवाश्रम के किराएदार और उनके साथी निकले। जिन्हे मृतक ने कुछ दिन पहले ही पहचान पत्र और किराया न देने पर आश्रम से बाहर निकालकर किराए पर दिए गए कमरे पर ताला जड़ दिया था। आश्रम से निकाले गए किराएदार भानु प्रताप पुत्र कटार सिंह निवासी हस्तिनापुर मेरठ यूपी हाल निवासी मायाविहार जगजीतपुर और संदीप कुमार पुत्र जवाहर सिंह निवासी पण्डितपुरी रायसी लक्सर अकसर मृतक अशोक चढ्ढा के कमरे की साफ सफाई करते थे और आश्रम के चप्पे चप्पे से वाकिफ थे। कमरे में टांगी गई चाबियों के छल्ले, बिस्तर के नीचे रखे कागजात और बच्चों के अच्छे रोजगार में लगे होने के चलते उन्होंने कमरे में मोटी रकम होने का अंदाजा लगाकर लूट का प्लान बनाया और शाम को नशा करने के दौरान अपने साथियों अभिजीत उर्फ सुक पुत्र मनमोहन सिंह निवासी आर्यनगर ज्वालापुर,मनीष गिरी पुत्र जनेश्वर निवासी बैराज कालोनी मायापुर व दो अन्य के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम देकर फरार हो गए। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर श्रीयंत्र पुल के नजदीक से घटना में प्रयुक्त पाटल, मृतक के खून से सने आरोपियों के कपड़े व लूट के दौरान मृतक के कुर्ते से निकाले गए 7000/-रुपए, चेकबुक आदि बरामद किए हैं। पूछताछ के दौरान आरोपियों द्वारा बाहर से नकली नोट मंगाकर उनकी काट-छांट करने और तैयार नकली नोटों को असली नोटों की गड्डियों के बीच रखकर नशा सामग्री खरीदने की बात भी सामने आयी है। इस सम्बन्ध में पड़ताल करते हुए और अधिक जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस टीम में कनखल थानाध्यक्ष नितेश शर्मा, एसआई देवेंद्र सिंह तोमर,एसआई कमलकांत रतूड़ी,एसआई उपेंद्र सिंह,एसआई सोनल रावत,हेडकांस्टेबल हरेंद्र सिंह,कांस्टेबल बलवंत,संजू सैनी,उमेद सिंह,मनीष रावत,विजयपाल, राजेश चौहान,महिला कांस्टेबल अजिता पंवार,प्रियंका तोमर,हेडकांस्टेबल शक्ति सिंह,विवेक यादव के अतिरिक्त सीआईयू टीम के एसआई विजय सिंह,एसआई पवन डिमरी, एएसआई सुन्दरलाल, हेडकांस्टेबल पदम सिंह व कांस्टेबल उमेश सिंह शामिल रहे।