शांतिकुंज में पांच दिवसीय समर्थ सक्रिय कार्यकर्त्ता शिविर का शुभारंभ

 शांतिकुंज में पांच दिवसीय समर्थ सक्रिय कार्यकर्त्ता शिविर का शुभारंभ


हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में उत्तर एवं पश्चिमोत्तर जोन के सक्रिय समर्थ कार्यकर्ताओं का पांच दिवसीय विशेष प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर शांतिकुंज के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर युगऋषि पूज्य पं.श्रीराम शर्मा आचार्य एवं माता भगवती देवी शर्मा जी के चित्रों पर पुष्प अर्पण किया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केन्द्रीय जोन समन्वयक डॉ ओपी शर्मा ने कहा कि उदार, सेवा, प्रेम, सहानुभूति आदि जैसे सद्गुणों के समुच्चय का नाम भगवान है और उनका आशीर्वाद, संरक्षण, मार्गदर्शन पाना चाहते हैं,तो सबसे पहले अपनी पात्रता को विकसित करें। भगवान अपने साथ साझेदारी एवं उनके कार्य करने वाले को निरंतर संरक्षण प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि एक घर में रहने वाले एक अर्जुन बन जाता है, तो दूसरा दुर्योधन। अंतर मात्र पात्रता, विश्वास और विचार का है। केन्द्रीय जोन समन्वयक ने कहा कि सन् २०२६ परम वन्दनीया माताजी का जन्मशताब्दी वर्ष है। जन्मशताब्दी वर्ष तक समाज को विकसित व समुन्नत बनाने के लिए हम सभी को धैर्य के साथ संकल्पित होकर कार्य करना है।इस अवसर पर परम वंदनीया माताजी का विशेष वीडियो संदेश दिखाया गया, जिसमें माताजी ने आत्मीयता के साथ संगठित होकर कार्य करने के लिए मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम विभाग समन्वयक श्यामबिहारी दुबे ने क्षेत्रीय कार्यक्रमों के स्वरूप एवं रूपरेखा पर विस्तार से जानकारी दी। शिविर समन्वयक ने बताया कि पांच दिन चलने वाले इस प्रशिक्षण शिविर में कुल बारह सत्र होंगे। इस दौरान प्रतिभागियों को अखिल विश्व गायत्री प्रमुख डॉ.प्रणव पण्ड्या,संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी का भी मार्गदर्शन मिलेगा, तो वहीं प्रतिभागियों को जन्मशताब्दी वर्ष २०२६ तक की कार्य योजना पर विस्तृत जानकारी दी जायेगी। उद्घाटन सत्र के अवसर पर प्रो.विश्वप्रकाश त्रिपाठी, केदार प्रसाद दुबे, श्याम बिहारी दुबे, प्रो.प्रमोद भटनागर,सुखदेव शर्मा,नरेन्द्र ठाकुर आदि सहित उत्तर प्रदेश, हिमाचल, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखण्ड के गायत्री परिवार के चयनित सक्रिय कार्यकर्त्ता भाई बहिन उपस्थित रहे।