भगवान शिव की उपासना से होती है आत्म शुद्धि-श्रीमहंत रविंद्रपुरी

 हरिद्वार। श्रावण मास के उपलक्ष्य में चरण पादुका मंदिर में आयोजित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज के विशेष सेवा शिविर का श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर समापन हो गया। इस अवसर पर श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि श्रावण पूर्णिमा, दिव्यता, पवित्रता और पूर्णता का संदेश देती है। भगवान शिव को समर्पित सावन माह में पूजा पाठ, व्रत, उपासना, दान और साधना का विशेष महत्व है। सावन में भगवान शिव का स्मरण करते हुए प्रतिदिन उनका जलाभिषेक करना चाहिए। सावन में भगवान शिव की आराधना का कई गुणा पुण्य लाभ प्राप्त होता है। सावन में भगवान शिव की उपासना व पूजा अर्चना से आत्मा की शुद्धि होती है। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि देवों के देव महादेव भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव हैं। भगवान शिव भक्त द्वारा सच्चे मन से किए गए जलाभिषेक से ही प्रसन्न हो जाते हैं और भक्त के कष्टों को दूर कर उसके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। इस वर्ष सावन के दो माह होने के चलते भक्तों को शिव आराधना का अतिरिक्त समय मिला है। सभी को इसका लाभ उठाना चाहिए। इस दौरान श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने पूर्व मेयर मनोज गर्ग को आशीर्वाद प्रदान कर सम्मानित भी किया। निंरजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि सावन शिव आराधना के साथ आत्म चिंतन करते हुए मानव कल्याण की दिशा में कार्य करने की प्रेरणा भी देता है। भगवान शिव को प्रकृति से विशेष लगाव है। सभी को सृष्टि और प्रकृति के संतुलन के लिए योगदान करना चाहिए।