ध्यान से शारीरिक और मानसिक एकाग्रता में वृद्धि होती हैः आचार्य बालकृष्ण

 पतंजलि विश्वविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन


हरिद्वार। पतंजलि विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अंतर विश्वविद्यालयीन योग केन्द्र बैंगलुरू द्वारा ‘समग्र स्वास्थ्य के लिए भारतीय ध्यान पद्धति’ विषय पर प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आज समापन हुआ जिसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों की विद्वान विभूतियाँ उपस्थित हुईं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी मेघालय के कुलपति एवं भारतीय विश्वविद्यालयीय संघ के अध्यक्ष प्रो.गौरीदत्त शर्मा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारतीय विश्वविद्यालयीन संघ (ए.आई.यू.) की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ध्यान से आंतरिक मन में झांकने तथा शरीर व मन को आपसी सामंजस्य के साथ कार्य करने हेतु दृढ़ता मिलती है। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि अष्टांग योग में ध्यान का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने कहा कि ध्यान से शारीरिक और मानसिक एकाग्रता में वृद्धि होती है। प्राचीन भारतीय चिकित्सा में ध्यान को व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास तथा विविध रोगों के उपचार में किया जाता रहा है। साथ ही कार्यशाला में आचार्य जी ने ध्यान की नई पद्धतियों के अविष्कार की घोषणा की। विशिष्ट अतिथि के रूप में महर्षि महेश योगी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.भुवनेश शर्मा ने भावातीत ध्यान एवं महर्षि महेश योगी के कार्यों पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। शांतिकुंज,हरिद्वार के आध्यात्मिक साधक वीरेश्वर उपाध्याय ने सविता ध्यान तथा डॉ.राजनारायण मिश्र ने हिमालयीन ध्यान परम्परा पर कार्यशाला संचालित की। कार्यशाला में आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर एमएससी योग विज्ञान की कुमारी लक्ष्मी,ऋचा कुमारी,साक्षी,द्वितीय स्थान पर एमए प्रथम वर्ष की प्राची,सूरज और अनुप्रिया तथा तीसरे स्थान पर बीए अंतिम वर्ष की प्रज्ञा,सदीक्षा और दुर्गेश रहे। पोस्टर प्रतियोगिता में बीएससी की छात्राएँ अदिति गुप्ता,वाणी वर्मा,दिव्यांशी तथा पूजा प्रथम स्थान पर रही। द्वितीय स्थान पर एमएससी की छात्राएँ साक्षी शर्मा व विजय लक्ष्मी ने बाजी मारी। एमएससी की छात्रा साक्षी बसाता तथा पूर्वा को तृतीय स्थान से संतोष करना पड़ा। दो दिवसीय कार्यशाला के सफल आयोजन पर पंतजलि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति स्वामी रामदेव ने शुभकामनाएँ प्रेषित कीं। कार्यक्रम के अंत में आयोजन समिति के अध्यक्ष विवि के प्रति-कुलपति प्रो.डॉ.महावीर अग्रवाल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। कार्यशाला में कुलानुशासिका एवं मानविकी व प्राच्यविद्या अध्ययन संकाय की अध्यक्षा साध्वी आचार्या देवप्रिया ,कुलानुशासक स्वामी आर्षदेव,डॉ.पारण गौड़ा,डीन अकेडमिक एवं रिसर्च वि.के.कटियार ,योग विभाग के संकायाध्यक्ष प्रो.डॉ.ओम नारायण तिवारी,संगीत विभाग के आचार्य चन्द्रमोहन मिश्र,डॉ.निवेदिता,डॉ.निधीश,डॉ.रूद्र भण्डारी,डॉ.विपिन दूबे,डॉ.संदीप,डॉ.आरती यादव,आचार्य गौतम,डॉ.विनय शर्मा,डॉ.लक्ष्मी शंकर रथ,डॉ.मोनिका,डॉ.सलोनी,डॉ.कपिल शास्त्री,डॉ.वैशाली गौड़,डॉ.आरती पाल,डॉ.अंजू,डॉ.अल्का गिरि व छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।