राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हितकरण में निष्पक्ष चिन्हित किए जाने की मांग
हरिद्वार। मसाल संगठन के अध्यक्ष तथा उत्तराखंड राज्य प्राप्ति हेतु चले आंदोलन में 2 अक्टूबर सन 1994 को घायल होने वाले युवा आंदोलनकारी ठाकुर मनोज कुमार ने चिन्हित होने से वंचित रह गए आंदोलनकारियों को निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ चिन्हित किए जाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि अब तक जब भी चिन्हित किए जाने हेतु बैठक हुई सभी बैठकों में परिवारवाद रिश्तेदार वाद तथा अनेकों फर्जी तरीकों से अपने रिश्तेदारों को चिन्हित कराकर आंदोलनकारी घोषित करा दिया गया बार-बार आवेदन के बाद भी सन 2009 से लेकर अब तक इन भ्रष्टाचारियों ने युवा आंदोलनकारी ठाकुर मनोज कुमार मनोजानंद का राज्य आंदोलनकारी के रूम में चिन्हित नहीं होने दिया हमेशा चिन्हित किए जाने वाली समिति ने अपने रिश्तेदार पुत्र पुत्री रिश्तेदार बहन भांजी किराएदार तक को फर्जी रूप से आंदोलनकारी के रूप में चिन्हित करा डाला किंतु वास्तविक आंदोलनकारी आज तक चिन्हित के जाने से वंचित है। ऐसे कई दर्जन लोग अभी भी अपने को चिन्हित किए जाने की बाट जोह रहे हैं।यथाशीघ्र होने वाले चिन्हित करण में पूरी तरह से निष्पक्ष रूप से आंदोलनकारियों को चिन्हित किए जाने की मांग की है। साथ ही एक एक परिवार से कई कई लोगों के परिवार सहित चिन्हित किए जाने के प्रकरणों की उच्च स्तरीय जांच कराकर फर्जी रूप से चयनित होने वाले आंदोलनकारियों पर जालसाजी फर्जीवाड़े के वाद दर्ज किए जाने की मांग की है। एक ने तो आपने ऐसे पुत्र का भी चिन्हित करण करा लिया था जो आंदोलन के समय अपनी मां के गर्भ में पल रहा था। प्रार्थी की शिकायत के बाद उसका चिन्हितकरण निरस्त किया गया था,ऐसे फर्जी जालसाज अभी भी अपने परिवार जनों रिश्तेदारों के फर्जी चिन्हित करण कराने की जुगत में लगे हुए हैं।