राज्य आंदोलनकारियों को तत्काल चिन्हित करने हेतु कारवाई की मांग

 हरिद्वार। चिन्हित होने से वंचित रह गए उत्तराखंड राज्य प्राप्ति आंदोलन में भाग लेने वाले राज्य आंदोलनकारियों को तत्काल चिन्हित किया जाए। रामपुर तिराहा कांड में घायल होने वाले युवा आंदोलनकारी ठाकुर मनोज कुमार मनोजानंद ने प्रेस नोट जारी कर बताया की उत्तराखंड राज्य बने को एक लंबी अवधि बीत चुकी ह,ै किंतु आंदोलन में भाग लेने वाले बहुत से आंदोलनकारी आज भी चिन्हित होने से वंचित है। वर्ष 2015-16 से लेकर आज तक उत्तराखंड के दो-दो मुख्यमंत्री ने वंचित रहे आंदोलनकारी के चिन्हित किए जाने हेतु दो दो बार शासन आदेश जारी किए दो-दो बार घोषणाएं की किंतु तब से लेकर अब तक हरिद्वार जनपद में एक भी आंदोलनकारी चिन्हित नहीं किया गया, जिसके चलते चिन्हित होने से वंचित रह गए आंदोलनकारी में भारी आक्रोश तथा रोस व्याप्त है। इससे पूर्व जो भी चिन्हित हुए हैं उनमें से बहुत से भारी राजनीतिक दबाव के चलते कई राजनीतिक दलों ने अपने खास लोगों को तथा चिन्हित करण समिति के सदस्यों ने अपने चहेते तथा रिश्तेदारों को चिन्हित कर प्रकरण का पटाक्षेप कर दिया। आज बहुत से ऐसे आंदोलनकारी चिन्हित होकर पेंशन व अन्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं जिनका आंदोलन से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं था। अगर उनकी जांच कराई जाए तो उनमें से अधिकतर लोग उस समय इस जनपद के निवासी भी नहीं थे इतना ही नहीं उनकी आयु आंदोलन में भाग लेने के मापदंडों के अनुरूप नहीं थी इस जनपद में विवाह होकर आई ऐसी बहुत सी महिलाएं तथा बहुत से चिन्हित आंदोलनकारी हैं जिनका आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं था वह आंदोलन का विरोध करने वाले तथा राज्य बनाए जाने का विरोध करने वाले राजनीतिक दलों के पदाधिकारी तथा सदस्य थे किंतु चिन्हित करण समिति द्वारा ले देकर उन्हें चिन्हित कर दिया गया। आज सरकारी पेंशन तथा अन्य लाभों पर मौज काट रहे हैं जो वास्तविक आंदोलनकारी थे आज भी चिन्हित होने से वंचित है। ठाकुर मनोज कुमार ने कहा सभी जितने भी साथी चिन्हित होने से वंचित है उन सभी का तत्काल चिन्हित किया जाना न्याय हित में आवश्यक है किसी के भी साथ भेदभाव पक्षपात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।