निरंजनी अखाड़े में संतों ने किया गौशाला का उद्घाटन


 हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज एवं निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने नागपंचमी के अवसर पर 11ब्राह्मणों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार,हवन पूजन और 51गायों के चरण छुकर अखाड़े में निर्मित गौशाला का उद्घाटन किया। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि गौमाता जीवन का आधार है। प्रत्येक घर में गौ पालन किया जाना चाहिए और सभी को गौवंश के संरक्षण संवर्द्धन के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनादिकाल से ही गाय का लौकिक और पारमार्थिक महत्व रहा है। जिस घर में गाय की सेवा होती है, वहां साक्षात भगवान का वास होता है। उन्होंने कहा कि सृष्टि में गाय जैसा कोई कृतज्ञ प्राणी नहीं है। संपूर्ण ब्रह्मांड पर गाय के उपकार का वर्णन नहीं किया जा सकता। गौवंश के संरक्षण के लिए सामूहिक रूप से प्रयास किए जाने चाहिए। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी ने कहा कि सनातन धर्म में गौमाता का महत्वपूर्ण स्थान है। कोई भी संस्कार गौमूत्र और गौ दुग्ध के बिना संपन्न नहीं होता है। उन्होंने कहा कि गौमाता की पूजा और सेवा से मोक्ष की प्राप्ति होती है। गाय के दूध में जीवन के लिए जरूरी सारे तत्व हैं। गाय के दूध के नियमित सेवन से शरीर पुष्ट होता है और रोग दूर होते हैं। गाय की महिमा का शब्दों मे वर्णन कठिन हैं। इस अवसर पर अखाड़े के पंचपरमेश्वर व महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी महेशानंद,महंत राधे गिरी,अनिल शर्मा,डा.सुनील बत्रा सहित बड़ी संख्या में संत मौजूद रहे।