एनओएक्स उत्सर्जन कम करने के लिए भेल ने किया एसएसीआर कैटलिस्ट का निर्माण


 हरिद्वार। भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड ने थर्मल पावर प्लांटों से एनओएक्स उत्सर्जन को कम करने के लिए सेलेक्टिव कैटलिस्ट रिएक्टर्स (एससीआर) में लगाए जाने वाले भारत के पहले कैटलिस्ट (उत्प्रेरक) सेट का सफलतापूर्वक निर्माण किया है। गौरतलब है कि अब तक इन उत्प्रेरकों का आयात किया जा रहा था और इसलिए यह भारत सरकार के मेक इन इंडिया पहल के तहत एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। भेल की इंडस्ट्रियल सिस्टम्स एंड प्रोडक्टस की निदेशक रेणुका गेरा ने तेलंगाना में बन रहे यदाद्री थर्मल पावर स्टेशन के लिए स्वदेशी रूप से निर्मित एससीआर उत्प्रेरकों के पहले सेट को कंपनी की बेंगलुरु स्थित सोलर बिजनेस डिवीजन (एसबीडी) इकाई से रवाना किया। इस अवसर पर एसबीडी के कार्यपालक निदेशक पंकज गुप्ता, उद्योग क्षेत्र के कार्यपालक निदेशक अनिल जोशी व एसबीडी के कर्मचारी मौजूद रहे। थर्मल पावर स्टेशनों में एनओएक्स उत्सर्जन को कम करने के लिए भेल ने अपनी एसबीडी इकाई में एक अत्याधुनिक एसएसीआर उत्प्रेरक विनिर्माण सुविधा स्थापित की है। एनओएक्स गैस के दीर्घकालिक दुष्प्रभावों को देखते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचना के मद्देनजर थर्मल पावर प्लांट की और से भेल को एसएसीआर के आर्डर दिए गए हैं।