जीवन जीने की कला सिखाती है श्रीमद् भागवत कथा-महंत रघुवीर दास
हरिद्वार। सुदर्शन आश्रम अखाड़ा के परमाध्यक्ष महंत रघुवीर दास महाराज ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति के उत्थान व प्रचार प्रसार में संत समाज का अहम योगदान रहा है। आश्रम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम पर आयोजित संत समागम को संबोधित करते हुए महंत रघुवीर दास महाराज ने कहा कि ज्ञान का अथाह भंडार श्रीमद् भागवत कथा जीवन जीने की कला सिखाती है। श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से मिले ज्ञान को आचरण में धारण करने से व्यक्ति का जीवन संवर जाता है और कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने कहा कि गंगा तट पर संत महापुरूषों के सानिध्य में कथा श्रवण का सहस्त्र गुणा पुण्य फल प्राप्त होता है। महंत सूरज दास व महंत बिहारी शरण महाराज ने कहा कि समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर धर्म व अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर करने में संत महापुरूषों ने हमेशा मुख्य भूमिका का निर्वहन किया है। स्वामी रविदेव शास्त्री व महंत नारायण दास पटवारी ने कहा कि संतों के सानिध्य में ही व्यक्ति के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण व आयोजन दोनों ही कल्याणकारी हैं। सभी को कथा से मिले ज्ञान का अनुसरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। इस अवसर पर महंत बिहारी शरण, महंत नारायण दास पटवारी, महंत जयराम दास, महंत अंकित शरण, स्वामी दिनेश दास सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।