आपदा राहत महंगाई के अनुपात में पहले से तीन गुना ज्यादा मिलना चाहिए - हरीश रावत
हरिद्वार। पूर्व सीएम हरीश रावत का आपदा प्रभावित क्षेत्रों मंे दौरा लगातार जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री ने आपदा के दिन से लगातार नदी नालों व बाढ़ क्षेत्र के शहर कस्बों में कमर कमर पानी में उतर कर आमजन के दुख में भागीदार बन रहे है। शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री महाराजपुर खुर्द मे गंगा के खतरनाक जल भराव का पानी में उतरकर मुआयना किया। पिछले २०दिन में हरीश रावत ने हरिद्वार की सभी विधानसभाओं में धरातल पर पहुंच कर लोगो के नुकसान को आंका है जिसमे मुख्य रूप से खानपुर, लक्सर ग्रामीण, रानीपुर, ज्वालापुर, भगवानपुर, मंगलोर, रुड़की आदि छेत्रो में जनसंपर्क कर नुकसान का जायेजा लिया है।आज महाराजपुर खुर्द विधानसभा लक्सर में घुटनों से ऊपर पानी में जलमग्न खेतों को देखते व किसानों से बातचीत करते हुए हरीश रावत ने प्रभावितों से वार्ता कर नुकसान का अंदाजा लगाया। जहां सैंकड़ों एकड़ जमीन महाराजपुर खुर्द,गंगदासपुर से लेकर के अगल बगल के क्षेत्रों जिनमे भोगपुर भी सम्मिलित है,किसानों के खेत पानी से डूबे पड़े है। बरसात के दस दिन बाद भी पानी की निकासी न होने के कारण फसलें बुरी तरह से नष्ट हो गई है (धान,गन्ना,चारा,सब्जी) किसानों को कोई सहायता अभी तक भी नहीं मिली है, किसानों में भारी आक्रोश है, हरीश रावत ने गंगदसपुर से लेकर बालावाली तक तटबंधों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने जौरासी,रंसूरा क्षेत्र में फसलों को हुए नुकसान को भी देखा और टूटे हुए पुल का निरीक्षण कर किसानों व जनता से बातचीत की। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने समस्त क्षेत्र को बाढ़ आपदा पीड़ित क्षेत्र घोषित करने तदनुरूप किसानों व प्रभावित लोगों को मुवावाजा देने की मांग की। रावत ने आपदा सहायता के मानकों को भी दुगुना लिए जाने की आवश्यकता बताई।पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राव आफाक अली,संजय सैनी,उमादत शर्मा,मास्टर जगमेर,सतबीर चौधरी,अयाज अहमद,नासिर अली आदि कार्यकत्ता साथ रहे।