योग स्वास्थ्य एवं निरोग प्रदान करता है - डॉ.मंजूपरा महेन्द्रभाइ

 मनुष्य का जीवन संभावना के रूप में मिला है: डॉ. चिन्मय पण्ड्या


हरिद्वार। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज अपने अनूठे पाठ्यक्रम एवं गतिविधियों के लिए जाना जाता है। यहाँ समय-समय में शिक्षाविद् और समाज के अग्रणी गणमान्यों का आगमन होता है और वे अपने अनुभवों को देवसंस्कृति विश्वविद्यालय परिवार के साथ बाँटते हैं और यहाँ अध्ययनरत युवाओं के लिए बहुत ही उपयोगी होता है।इसी शृंखला में भारत सरकार के आयुष और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के राज्यमंत्री डॉ.मंजूपरा महेन्द्रभाई देवसंस्कृति विवि में आयोजित देवसंस्कृति विश्वविद्यालय व्याख्यानमाला में पहुंचे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. मंजूपरा,कुलपति शरद पारधी, प्रतिकुलपति डॉ.चिन्मय पण्ड्या आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन किया। विवि के कुलगीत के साथ व्याख्यानमाला का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि केन्द्रीय राज्यमंत्री मंजूपरा महेन्द्रभाई ने कहा कि मेरा बचपन से सपना था कि मैं बच्चों के लिए काम करुं। तब अपरिहार्य कारणों से मेरा वह सपना अधूरा रह गया। इस समय मुझे भारत सरकार के महिला व बाल विकास मंत्रालय में काम करने का अवसर गायत्री महामंत्र के जप के चमत्कार के रूप में मिला और मेरा बचपन का सपना पूरा हुआ। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के चहुंमुखी विकास के लिए पाठ्यक्रम के अलावा गीता, ध्यान की कक्षा चलाते हैं,यह अनुकरणीय है।योग से मनुष्य स्वस्थ एवं निरोग रहता है और उन्हें लंबी आयु मिलती है। इससे पूर्व देवसंस्कृति विवि के प्रतिकुलपति डॉ.चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि मनुष्य का जीवन संभावना के रूप में मिला है। भारतीय अध्यात्म के ज्ञान विज्ञान के माध्यम से नारायण,महामानव,संत आदि के रूप में इसी जीवन के शिखर तक पहुंचा जाता है। संयुक्त राष्ट्र संगठन यूएनओ द्वारा विश्व शांति के लिए गठित अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक आध्यात्मिक मंच के निदेशक डॉ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि तन,मन को स्वस्थ रखना हो,तो योग के साथ आत्मबोध तत्त्वबोध की साधना अवश्य करनी चाहिए। कुलपति शरद पारधी ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री डॉ. मंजूपरा को प्रतिकुलपति डॉ.चिन्मय पण्ड्या ने युग साहित्य एवं देवसंस्कृति विवि का प्रतीक चिह्न, गंगाजली आदि भेंटकर सम्मानित किया। इस दौरान देवसंस्कृति विवि के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष एवं शिक्षक शिक्षिकाएँ, विद्यार्थी सहित शांतिकुंज परिवार उपस्थित रहे। इससे पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ मंजूपरा ने प्रज्ञेश्वर महादेव की पूजा अर्चना कर सभी के स्वास्थ्य लाभ हेतु प्रार्थना की। साथ ही उन्होंने देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शूरवीरों की याद बने शौर्य दीवार में अपनी पुष्पांजलि अर्पित की। पश्चात वे शांतिकुंज पहुंचे और अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय डॉ.प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी से भेंट की। इस दौरान श्रद्धेयद्वय ने माता भगवती देवी शर्मा की जन्मशताब्दी वर्ष के पूर्व मनाये जा रहे नारी सशक्तिकरण पर विशेष मार्गदर्शन दिया। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री का मंगल तिलक व युगसाहित्य भेंटकर सम्मानित किया। केन्द्रीय मंत्री ने युगऋषि पूज्य पं श्रीराम शर्मा आचार्य एवं माता भगवती देवी शर्मा की पावन समाधि में भावांजलि अर्पित की।