शहीद मगलपाण्डे की जयंती पर वेबिनार के जरिए दी गयी श्रद्वांजलि

 हरिद्वार। इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी ऑफ इंडिया हरिद्वार चैप्टर द्वारा मंगल पांडे की जयंती पर वेबिनार आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की इस अवसर पर अध्यक्ष इंजीनियर मधुसूदन आर्य ने कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे की आज जयंती है। उन्होंने इतिहास के बेहद महत्वपूर्ण समय में देशभक्ति की लौ प्रज्वलित की और अनगिनत लोगों को प्रेरित किया मंगल पांडे भारतीय स्वतंत्रता के एक क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी थे। वह 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के विद्रोह के अग्रदूत थे। मंगल पांडे ने जो संघर्ष शुरू किया उसे ‘सिपाही विद्रोह‘ या भारतीय विद्रोह के नाम से भी जाना जाता है। बाद में, जब उन्हें मृत्यु तक फांसी दे दी गई,तो इस विद्रोह का प्रभाव पूरे भारत में फैल गया, जिसके परिणामस्वरूप छोटी लड़ाई या बड़े युद्ध हुए, जिन्होंने अंग्रेजों को परेशान कर दिया,यह मंगल पांडे ही थे जिन्होंने इस भावना को जगाया। संगठन सचिव एसएस राणा ने कहा कि 1857 के विद्रोह का नायक मंगल पांडे को माना जाता है,जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह की शुरुआत की थी, जिसने इतना बड़ा रूप ले लिया कि अंग्रेजों को हर जगह विद्रोह, युद्ध और झड़पों का सामना करना पड़ा। विद्रोह की पहली घटना को भारत में सिपाही विद्रोह के नाम से जाना जाता है। राजीव राय ने कहा कि भारत के इतिहास में मंगल पांडे का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है। मंगल पांडे के द्वारा लगाए गए विरोध की चिंगारी को देखते ही देखते अंग्रेजों की जड़े भारत में कमजोर हो गई थी। यह भारत का पहला ऐसा स्वतंत्रता संग्राम में था, जिन्होंने ब्रिटिश कानून का खुलकर विरोध किया था। भारत में स्वतंत्रता संग्राम का जनक मंगल पांडे को कहा जाता है। स्वतंत्रता संग्राम में मंगल पांडे की महत्वपूर्ण भूमिका होने के कारण भारत सरकार ने इनके नाम पर एक डाक टिकट 1984 में जारी किया था। कोषाध्यक्ष डॉ सुनील बत्रा ने कहा कि मंगल पांडे पहले स्वतंत्रता क्रांतिकारी थे जिन्होंने सबसे पहले ब्रिटिश कानून का विरोध किया था। अपनी भारत माता को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराने के लिए संघर्ष करने वाले इस वीर से तो एक बार अंग्रेज शासन भी बुरी तरह से कांप गया था। रेखा नेगी ने कहा कि मंगल पांडे को आधुनिक भारत में व्यापक रूप से एक नायक के रूप में जाना जाता है। सन् 1984 में, भारत सरकार ने उन्हें सम्मानित करने के लिए एक डाक टिकट जारी किया। कई फिल्में और मंच नाटक उनके जीवन पर आधारित हैं,जिनमें हिंदी फिल्म मंगल पांडेः द राइजिंग और 2005 में द रोटी रिबेलियन नामक मंचीय नाटक शामिल है। वेबिनार में विभिन्न प्रान्तों से सोसाइटी के सदस्य जुड़े जिसमे सुनील त्रिपाठी,डॉ महेंद्र आहूजा,शहनवाज खा ,राजीव राय,सुरेश चन्द्र गुप्ता,नीलम रावत,विनोद कुमार मित्तल,डॉक्टर अरुणपाठक,एडवोकेट प्रशांत राजपूत,नरेश मोहन ,डॉ पवन सिंह,विश्वास सक्सेना,अन्नपूर्णा बंधुनी,अविनाश चंद्र,अशोक राघव,विमलकुमार गर्ग ,नूपुर पाल,नीलम रावत,साधना रावत,प्रीति जोशी,डॉ.मनीषा दीक्षित एवं अन्य उपस्थित रहे।