साधारण शिष्य को भी सर्वगुण संपन्न बना देते हैं गुरू-स्वामी रविदेव शास्त्री

 


हरिद्वार। श्री गरीबदासीय आश्रम के स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने श्रद्धालु भक्तों को जीवन में गुरू के महत्ता से अवगत कराते हुए बताया कि सनातन धर्म और संस्कृति में गुरु को भगवान के समान माना गया है। गुरु को महत्व देने के लिए ही महान गुरु वेद व्यास के जन्मोत्सव पर गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि जीवन में गुरू का होना बेहद आवश्यक है। आप किसी भी क्षेत्र में कार्यरत हों। सफलता गुरू से प्राप्त ज्ञान और उनके सानिध्य में ही प्राप्त होती है। माता पिता जहां बच्चों का संस्कार देते हैं। वहीं गुरू शिष्यों को सांसारिक व आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान कर जीवन में आगे बढ़ने का मार्ग बताते हैं। सभी को सदैव गुरू का सम्मान करना चाहिए और उनके दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए। व्यक्ति गुरु का ऋण कभी नहीं चुका पाता है। गुरू का सम्मान करने वाले और उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करने वाले शिष्य सर्वोच्च सफलता प्राप्त करते हैं। गुरू एक साधारण शिष्य को भी सर्वगुण संपन्न बना देते हैं। उन्होंने कहा कि प्राचीन धर्मग्रन्थों में भी गुरु को सर्वोच्च स्थान दिया गया है और ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान बताया है। संस्कार और शिक्षा जीवन का मूल स्वभाव है, इनसे वंचित रहने वाले व्यक्ति का जीवन अंधकारमय होता है। गुरू ही शिक्षा प्रदान कर शिष्य को संस्कारवान बनाते हैं। इसलिए सभी को जीवन में गुरू धारण अवश्य करना चाहिए।