कामेश्वर पुजारी बने तुलसीमानस मन्दिर के उत्तराधिकारी

 हरिद्वार। श्री तुलसी मानस मंदिर भूपतवाला में उत्तराधिकार पट्टा अभिषेक समारोह धूमधाम हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। तुलसी मानस मंदिर के संस्थापक वरिष्ठ महामंडलेश्वर 1008 स्वामी अर्जुन पुरी जी ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में अपने शिष्य कामेश्वर पुजारी को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। चादर विधि पट्टाअभिषेक कार्यक्रम विभिन्न मठ मंदिर अखाड़ो आश्रमों के महामंडलेश्वर श्रीमहंतों, महंत,संतों की मौजूदगी में संपन्न हुआ। समारोह में महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद ने कहा गुरु शिष्य परंपरा आश्रम मठ मंदिर अखाड़ों की प्राचीन परंपरा है। एक गुरु अपने योग्य शिष्य को अपने उत्तराधिकारी के रूप में चुनकर उसे अपना दायित्व सौंपकर अपने संस्थानों को आगे बढ़ाने के दायित्व का निर्वहन करता है इस अवसर पर निरंजन पीठाधीश्वर 1008 स्वामी कैलाशानंद जी महाराज ने कहा संतों का कार्य भक्तों को कल्याण का मार्ग दिखाना है। विश्व भर में सनातन की परंपरा को और मजबूत प्रखर करते हुए वरिष्ठ महामंडलेश्वर अर्जुन पुरी जी महाराज ने सनातन परंपरा को विश्व में फहराया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे कमलेशानंद जी महाराज ने कहा संत ही भक्तों को सत्य का मार्ग दिखा कर उन्हें आत्ममंथन करा कर हरि से मिलने का मार्ग दिखाते हैं। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद जी महाराज ने कहा सनातन परंपरा विश्व की सबसे बड़ी एवं प्रभावशाली प्रखर प्रतिभा है जिसे ग्रहण करने के लिए विश्व भर के लोग आतुर हैं। वह इन्हीं मठ मंदिर आश्रमों से होकर निकलती है जहां विश्व भर के भक्तजन अपनी आस्था लेकर आते हैं। उत्तराधिकारी बने कामेश्वर पुजारी जी महाराज ने कहा गुरु ज्ञान का सागर होते गुरु जी देते ज्ञान गुरु है। महामंडलेश्वर प्रबोधानंद जी महाराज ने कहा वरिष्ठ महामंडलेश्वर अर्जुन पुरी जी महाराज ने जगत को कल्याण का मार्ग दिखाया। अब उनके परमशिष्य कामेश्वर जी महाराज इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए भक्तों का मार्गदर्शन करेंगे। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर संजय गिरी ने कहा गुरु मनुष्य का आत्ममंथन कर उसे मिट्टी से सोना बना देते हैं। गुरु की आज्ञा का अनावरण करते हुए जो भक्त आगे बढ़ता है उसे भविष्य में कभी कोई कठिनाई नहीं आती। गुरु ज्ञान की पराकाष्ठा है ऐसे ही विद्वत महान संत है। महामंडलेश्वर अभयानंद ने कहा गुरु के बिना ईश्वर की प्राप्ति संभव नहीं। महामंडलेश्वर यतींद्रानंद जी महाराज ने कहा जगत को सत्य का ज्ञान यह ऋषि मुनि ही कराते हैं साथ ही उन्हें ईश्वर की ओर ले जाते हैं। सभी उपस्थित संत महापुरुषों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए स्वामी कामेश्वर जी महाराज तथा वरिष्ठ महामंडलेश्वर अर्जुन पुरी जी महाराज को शुभकामनाएं प्रेषित की। समारोह में हरिहर दास महाराज,नारायण स्वरूप  महाराज,हरिओम गौतम महाराज,हरिहर दास महाराज,कमलेशानंद महाराज,चेतनानंद जी महाराज,विनोद महाराज, अरविंद पुरी जी महाराज,रविदेव महाराज,स्वामी ऋषिवीरानंद,स्वामी चिन्मयानंद महाराज,विद्याचंद जी महाराज, महामंडलेश्वर प्रबोधानंद महाराज, स्वामी यतींद्रानंद गिरि,सतपाल ब्रह्मचारी,ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, श्रीमहंत रघुवीर दास,जय रामदास,श्री श्याम गिरी,वरिष्ठ कोतवाल कालीचरण सहित भारी संख्या में संत महंत तथा भक्तगण उपस्थित थे उपस्थित थे।