नाराज कांग्रेस विधायक ने प्राधिकरण के अधिकारियों के दुर्व्यवहार पर भड़की

 हरिद्वार। अपने क्षेत्र की समस्या को लेकर हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण कार्यालय पहुंची हरिद्वार ग्रामीण से कांग्रेस विधायक अनूपमा रावत प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता के दुर्यव्हार पर भड़क उठी। अपने साथ हुए दुर्व्यवहार से नाराज विधायक ने प्राधिकरण में काफी देर तक डेरा डाल दिया। हलांकि बाद में अधिशासी अभियंता की ओर से लिखित में माफी मांगने के बाद उनका गुस्सा शांत हुआ, वह मौके से गई चली गई। बुधवार को हरिद्वार ग्रामीण विधायक अनुपमा रावत अपने क्षेत्र के विकास कार्यों एवं प्राधिकरण की ओर से जारी नोटिस को लेकर हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के सचिव से मिलने के लिए पहुंची, लेकिन सचिव के वहां मौजूद नहीं होने पर उन्होंने प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता माधवानंद जोशी के कार्यालय पहुंची, विधायक ने अधिशासी अभियंता से हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र में विकास कार्यों की प्रगति के विषय में जानकारी चाही,आरोप है कि इस पर अधिशासी अभियंता भड़क उठे। आरोप है कि विकास कार्यों की प्रगति और नोटिस के बारे में पूछने पर अभियंता ने दुर्व्यवहार किया। विधायक ने आरोप लगाया कि अधिशासी अभियंता ने सरकारी कार्यालय में गुटखे का सेवन किया और उन्हें विकास कार्यों के स्टेटस देने के लिए पहले से समय लेने की बात कही। विधायक ने आरोप लगाया कि अभियंता ने किसी भी जनप्रतिनिधि से डरने की बात कहीं। विधायक की नाराजगी को देखकर अधिशासी अभियंता ने स्वयं को बीपी और दिल की बीमारी की दिक्कत बताते हुए अपने कार्यालय में ही अपना फोन चश्मा छोड़कर निकल गए जिससे नाराज होकर अनुपमा रावत ने इस पूरे प्रकरण की जानकारी सचिव को दी। कुछ ही देर बाद सचिव उत्तम सिंह चौहान मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। पता चला कि अभियंता की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। दूसरी ओर विधायक ने इस दौरान स्पष्ट कर दिया ऐसे नहीं जाएंगी, जब तक अधिशासी अभियंता प्राधिकरण नहीं आते। कुछ देर बाद वहां पहुंचे और उन्होंने उनसे हाथ जोड़कर लिखित में माफी मांगी, जिसके बाद विधायक वहां से चली गई। इस संबंध में विधायक अनुपमा रावत के अनुसार भाजपा सरकार में ब्यूरोक्रेसी हावी हो चुकी है। विधायक जैसे जनप्रतिनिधियों के साथ जब इस तरह के दुर्व्यवहार किया जा रहा है तो आम जनता कितनी परेशान होती होगी। इस संबंध में वे नेता प्रतिपक्ष से वार्ता कर इस मामले को विधानसभा में उठाएंग।े जब कोई कर्मचारी अधिकारी बीमार है तो उसे छुट्टी लेकर आराम करना चाहिए। एक बीमार व्यक्ति पूरे सिस्टम को बीमार कर रहा है।