सत्संग सुनने से व्यक्ति का ह्रदय निर्मल हो जाता है - श्री सतपाल जी महाराज

 त्रिदिवसीय सद्भावना सम्मेलन के तीसरे दिन बड़ी संख्या में पहुचे श्रद्वालु


हरिद्वार। ऋषिकुल मैदान में मानव उत्थान सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित त्रिदिवसीय सद्भावना सम्मेलन के तीसरे दिन उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री व सुविख्यात समाजसेवी सतपाल महाराज जी ने कहा कि बैसाखी का महापर्व भारत के महान इतिहास से जुड़ा है जब गुरू गोबिंद सिंह जी किले में घिरे हुए थे और रसद समाप्त हो रही थी। कुछ शिष्य जब घर चले गए तो उनकी गुरू भक्त पत्नियों ने धिक्कारा कि गुरू महाराज को छोड़कर क्यों आए?अपनी कटार हमको दो हम मुगलों से लड़ेंगी। तब वे किले की ओर लौटे और मुगलों पर पीछे से आक्रमण कर लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए।गुरू महाराज ने उनको देखा तो एक शिष्य महान सिंह ने प्रार्थना की कि हे गुरू महाराज हमें वह कागज वापस दे दो जिसमे हम लिख गए थे कि हमारा आपसे कोई संबंध नहीं।गुरू महाराज ने कृपा कर उन्हें अमृत छकाकर सिंह बना दिया।तब से सिखों ने अपने नाम के साथ सिंह लगाया। श्री महाराज जी सत्संग की महिमा बताते हुए कहा कि सत्संग के सुनने से मल विक्षेप आवरण हट जाता है और व्यक्ति का हृदय निर्मल हो जाता है। देश के सुदूर अंचलों और विदेशों से आए हजारों प्रेमी भक्तों ने दत्त चित होकर सत्संग का आनंद लिया। श्री महाराज जी ने कहा कि गंगा, यमुना व सरस्वती की धाराओं के मिलन स्थल को प्रयागराज कहा है पर संतों का जो आध्यात्मिक समागम है उसे चलता फिरता प्रयागराज बताया गया है ,जहां पर संतों की अध्यात्म ज्ञान धारा को ही सरस्वती कहा है।उन्होंने चिंता व्यक्त की कि आज लाखों स्कूल कालेजों के होते हुए भी हम कोई विवेकानंद, महाराणा प्रताप,झांसी की रानी और वीर शिवाजी नहीं बना पाए।केवल अध्यात्म के अंदर ही वह शक्ति है जो विवेकानंद पैदा करेगा जब हम मिलकर अध्यात्म का प्रचार प्रसार करेंगे। श्री महाराज जी जानकारी देते हुए बताया कि मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा श्री बदरीनाथ,श्री केदारनाथ, श्री गंगोत्री एवं श्री यमुनोत्री आने वाले दर्शनार्थियों के सुरक्षा कवर हेतु श्री बदरीनाथ केदारनाथ मन्दिर को समिति के माध्यम से 10 करोड़ का बीमा करवाया जा रहा है। बीमा युनाइटेड इंडिया इंयोरेंस कंपनी लिमिटेड के माध्यम से करवाई जा रहे बीमे के अंतर्गत प्रत्येक धाम में प्रत्येक दर्शनार्थी का एक लाख रुपए का दुर्घटना बीमा करवाया जा रहा है।मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा आज इस बीमे की 3,67,995 (तीन लाख, सड़सठ हजार, नौ सौ पिचानवें) रूपये का चेक महाराज जी ने माननीय मुख्यमंत्री जी को भेट किया। प्रीमियम का भुगतान ड्राफ्ट के माध्यम से युनाइटेड इंडिया इंयोरेंस कंपनी लिमिटेड को दिया जा रहा है।प्रत्येक धाम हेतु बीमा राशि अधिकतम ढाई करोड़ है जो कुल मिलाकर चारों धामों हेतु दस करोड़ होगी। जमुना प्रसाद द्वारा लिखित रामायण पर एक पुस्तक का विमोचन महाराज जी ने किया।श्री सुयश जी महाराज ने शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में श्री सुयश व मोहिना के सुपुत्र अयांश जी के प्रथम जन्मोत्सव पर दिन में पूजा के बाद श्री महाराज जी,माता अमृता रंावत के आशीर्वचन सहित सभी संतों व  भक्त समाज द्वारा जन्मोत्सव की बधाई दी गई।कार्यक्रम में सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाराज जी के पौत्र आयांश को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। सम्बोधन में कहा कि आसुरी प्रवृतियां देश की छवि खराब करने में लगे है लेकिन देश के लाल और यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृव में भारत अनवरत आगे बढ़ रहा है। पुरे विश्व के सभी देशों में ळ-20 की अध्यक्षता करने का सौभाग्य हमारे देश को मिला है. माननीय प्रधानमंत्री जी आज पुरे विश्व के मानचित्र में सबसे आगे हमारा देश हर क्षेत्र में विकास कर रहा है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज यहां पुरे देश के कोने-कोने से हमारे देवभूमि के पवित्र धरती ऋषिकुल मैदान हरिद्वार में रामभक्त भी आए है और देशभक्त भी आएं है। सबका सहयोग और समर्थन देश को आगे ले जा रहा है। हम सभी का आभार व्यक्त करते है। पूर्व मंत्री स्वामी यतिस्वरानंद जी, अध्यक्ष जिला पंचायत हरिद्वार, राजेन्द्र सिंह, (किरण), भाजपा जिलाध्यक्ष रुड़की,शोभाराम प्रजापति, जयपाल सिंह चौहान, जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह चौहान सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे। उत्तराखंड आज के कार्यक्रम में सूफी गायिका डा.ममता जोशी ने अपने म्यूजिकल ग्रुप के साथ सूफियाना कलाम पेश किया और उनके सुमधुर भजनों की धुन पर दर्शक नाच उठे। मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है। करते हो तुम ही भगवन मेरा नाम हो रहा है।...ऐसे कई भजनों के साथ भारत के प्राचीन मानव कल्याणकारी तत्व अध्यात्म ज्ञान की महिमा के गायन से प्रेमी भक्त भाव विभोर हो उठे। मंच पर श्री महाराज जी, माता श्रीमती अमृता रावत जी, सभी मंचासीन अतिथिगणों व अन्य विभूतियों का फूल-मालाओं से स्वागत किया गया। मंच संचालन डॉ ज्योति शर्मा ने किया।