प्राकृतिक जीवन शैली से बढ़ाएं रोग प्रतिरोधात्क क्षमता-स्वामी विज्ञानानंद

 हरिद्वार। श्रीगीता विज्ञान आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि कोरोना से भयमुक्त होकर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं, जैविक खाद्य पदार्थों का सेवन करें और प्राकृतिक जीवन अपनाकर स्वस्थ रहें। स्वामी विज्ञानानंद संस्कृत विद्यालय के नए सत्र के शुभारम्भ पर छात्रों को कोरोना से बचाव की जानकारी देते हुए स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती ने कहा कि भगवान का स्मरण करने वाला भय मुक्त हो जाता है। उन्होंने सभी छात्रों से संयमित दिनचर्या, भोजन तथा रहन-सहन में स्वच्छता बरतने का आवाहन करते हुए कहा कि मेडिकल साइंस के आने से पूर्व हमारे ऋषि-मुनियों के नुस्खों से ही समस्त रोगों का स्थाई निदान हो जाता था। लेकिन जब से हमारा समाज पाश्चात्य सभ्यता की ओर भागा तभी से व्याधियों की बीमारियों में लगातार वृद्धि हो रही है। रासायनिक खेती को मानवता के लिए बड़ा खतरा बताते हुए उन्होंने कहा कि रासायनिक खादों और रासायनिक कीटनाशकों के छिड़काव ने हमारे सभी खाद्य पदार्थों, अनाज, फल एवं सब्जियों को जहरीला बना दिया है। जहरीले खाद्य पदार्थों के सेवन से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो रही है। परिणाम स्वरूप तरह-तरह के वायरस मानवता के दुश्मन बन रहे हैं। उन्होंने प्रतिदिन एक या दो पान के पत्ते खाने की सलाह देते हुए कहा कि पान खाने से हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। ऐसा करने से हम कोरोनावायरस से अपना बचाव कर सकते हैं। उन्होंने सभी भक्तों को सलाह दी कि बाजार और खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें और अपने घरों की छत तथा गमलों में जैविक सब्जियों का उत्पादन कर सदा स्वस्थ रहें। आचार्य हरिओम ने किसानों से अनुरोध किया कि वे रासायनिक खेती छोड़ कर जैविक खेती की ओर लौटें और अन्नदाता से जीवनदाता बनकर मानवता की सेवा करें। इस अवसर पर आश्रम के संत, भक्त और स्थानीय लोग मौजूद रहे।