हरिद्वार।देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित पुस्तकालय प्रणाली पर सूचना संचार तकनीकी का प्रभाव विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आज समापन हो गया। दो दिन चले इस संगोष्ठी में उत्तराखण्ड,उप्र, दिल्ली, पंजाब, आदि राज्यों से आये 25 शोधार्थी ने अपने शोध पत्र पढ़े। सभी ने पुस्तकालय की महत्व एवं आवश्यकता पर बल देते हुए ई पुस्तकालय के प्रति बढ़ते युवाओं की रुझान की सराहना की। साहित्य मनुष्य की सबसे अच्छी दोस्त होता हैं। जैसे व्यक्ति अपने दोस्त का हर पल, हर घड़ी,हर मुश्किल में साथ देते हैं,वैसे ही साहित्य भी हर विषम परिस्थिति में मनुष्य की सहायक होती है। साहित्यों में समस्त समस्याओं का समाधान छुपा हुआ होता है। इस अवसर पर दिल्ली के डॉ.एचजी होसामणि, हरियाणा के डॉ. राजीव वशिष्ठ,जमशेदपुर के डॉ एसपी गुप्ता,उत्तरांचल विवि के डॉ रामवीर तनवर आदि ने अपने कई दशकों के पुस्तकालय चलाने के अनुभवों को साझा किया।
देसंविवि में आयोजित संगोष्ठी में 25 शोध पत्र पढ़े गये