भारतीय संस्कृति में नारियों का सर्वोच्च स्थान -आशीष मिश्रा

 हरिद्वार। संयुक्त मजिस्ट्रेट भगवानपुर आशीष मिश्रा ने शुक्रवार को विकास भवन सभागार रोशनाबाद में डाॅ0 आर0एस0 टोलिया उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी नैनीताल द्वारा’’कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम,निषेधतथानिवारण) अधिनियम-2013 पर संवेदीकरण’’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये संयुक्त मजिस्ट्रेट आशीष मिश्रा ने ’’कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की चर्चा करते हुये कहा कि यह प्रकरण काफी संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में नारियों का सर्वोच्च स्थान है। इसीलिये कहा भी गया है कि जिस घर में नारियों का सम्मान होता है, वहां देवताओं का निवास होता है। उन्होंने कहा कि हमें परिवार की इकाई से ही ऐसे संस्कारों को विकसित करना होगा ताकि समाज में जो इस तरह की विकृतियां पैदा होती हैं, वे पनपने ही न पायें, यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है ताकि कार्य स्थल पर एक स्वस्थ्य वातावरण विकसित हो सके। श्री मिश्रा ने आशा व्यक्त की कि ’’कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम,निषेध तथा निवारण) अधिनियम-2013 पर संवेदीकरण’’ विषय पर आज के इस कार्यक्रम में गहन मन्थन होगा तथा एक विजन डाक्यूमेंट सामने आयेगा, जिसका लाभ हरिद्वार सहित पूरे राज्य को प्राप्त होगा। डाॅ0 आर0एस0 टोलिया उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी नैनीताल की उपनिदेशक सुश्री पूनम पाठक एवं विशेष कार्याधिकारी सुश्री मंजू ढौंढ़ियाल ने भी इस सम्बन्ध में अपने विचार रखे। इस अवसर पर जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी सुश्री नलिनी ध्यानी, डीपीआरओ अतुल प्रताप सिंह, एआर कोआपरेटिव राजेश, रेडक्रास सचिव डाॅ0 नरेश चैधरी, अपर संख्याधिकारी सुभाष शाक्य सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।