हरिद्वार। प्रेमनगर आश्रम में आयोजित की जा रही श्रीमद्भागवत कथा के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए कथा व्यास चित्रकूट वेंकटेश्वर धाम के आचार्य बद्रीप्रपन्ना महाराज ने कहा कि भगवान शिव की कृपा प्राप्त करनी है तो उनके आराध्य भगवान नारायण को प्रसन्न करें। उन्होंने कहा कि भक्त और भगवान की कथा श्रीमद्भागवत के आयोजन व श्रवण से समस्त संताप दूर हो जाते हैं। लोक और परलोक दोनों सुधर जाते हैं। कथा के प्रभाव से पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि गंगा तट पर कथा के आयोजन और श्रवण करने से दोगुना पुण्य लाभ प्राप्त होता है। लेकिन कथा की सार्थकता तभी है, जब कथा से मिले ज्ञान को आचरण में धारण किया जाए। कथा के मुख्य यजमान इंडियन आॅयल काॅरपोरेशन मुंबई के डायरेक्टर रूद्रप्रताप त्रिपाठी ने बताया कि महाशिवरात्रि के अवसर पर लोक कल्याण की भावना से कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के साथ प्रतिदिन रूद्राभिषेक भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि करोड़ों लोगों की आस्था की केंद्र गंगा नगरी हरिद्वार पूरे विश्व में अद्वितीय है। हरिद्वार की पवित्र भूमि पर श्रीमद्भागवत कथा और रूद्राभिषेक से निश्चय ही लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा। कथा में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से लगभग दो हजार श्रद्धालु सम्मिलित हो रहे हैं। मुंबा देवी मंदिर महाराष्ट्र से पहुंचे हेमंत जाधव ने बताया कि हरिद्वार जैसे पवित्र स्थान पर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण और रूद्राभिषेक का अवसर सौभाग्य से प्राप्त होता है। वे भाग्यशाली हैं कि उन्हें यह अवसर प्राप्त हुआ। इस अवसर पर आचार्य गोविंदा गर्ग, आचार्य दयाशंकर मिश्रा, आचार्य अरविंद मिश्र,ा आचार्य धीरज शुक्ला,आचार्य पवन शास्त्री त्रिपाठी, आचार्य मुकेश पांडे, आचार्य विकास त्रिपाठी, आचार्य मुकेश त्रिपाठी, आचार्य पीयूष त्रिपाठी तथा सुदेश्वर,नवल राम,भंवरी, जुगल आदि सहित महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश से आए हजारों श्रद्धालु शामिल रहे।
भगवान शिव की कृपा पानी है तो पहले नारायण को प्रसन्न करें-आचार्य बद्रीप्रपन्ना महाराज
हरिद्वार। प्रेमनगर आश्रम में आयोजित की जा रही श्रीमद्भागवत कथा के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए कथा व्यास चित्रकूट वेंकटेश्वर धाम के आचार्य बद्रीप्रपन्ना महाराज ने कहा कि भगवान शिव की कृपा प्राप्त करनी है तो उनके आराध्य भगवान नारायण को प्रसन्न करें। उन्होंने कहा कि भक्त और भगवान की कथा श्रीमद्भागवत के आयोजन व श्रवण से समस्त संताप दूर हो जाते हैं। लोक और परलोक दोनों सुधर जाते हैं। कथा के प्रभाव से पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि गंगा तट पर कथा के आयोजन और श्रवण करने से दोगुना पुण्य लाभ प्राप्त होता है। लेकिन कथा की सार्थकता तभी है, जब कथा से मिले ज्ञान को आचरण में धारण किया जाए। कथा के मुख्य यजमान इंडियन आॅयल काॅरपोरेशन मुंबई के डायरेक्टर रूद्रप्रताप त्रिपाठी ने बताया कि महाशिवरात्रि के अवसर पर लोक कल्याण की भावना से कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के साथ प्रतिदिन रूद्राभिषेक भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि करोड़ों लोगों की आस्था की केंद्र गंगा नगरी हरिद्वार पूरे विश्व में अद्वितीय है। हरिद्वार की पवित्र भूमि पर श्रीमद्भागवत कथा और रूद्राभिषेक से निश्चय ही लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा। कथा में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से लगभग दो हजार श्रद्धालु सम्मिलित हो रहे हैं। मुंबा देवी मंदिर महाराष्ट्र से पहुंचे हेमंत जाधव ने बताया कि हरिद्वार जैसे पवित्र स्थान पर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण और रूद्राभिषेक का अवसर सौभाग्य से प्राप्त होता है। वे भाग्यशाली हैं कि उन्हें यह अवसर प्राप्त हुआ। इस अवसर पर आचार्य गोविंदा गर्ग, आचार्य दयाशंकर मिश्रा, आचार्य अरविंद मिश्र,ा आचार्य धीरज शुक्ला,आचार्य पवन शास्त्री त्रिपाठी, आचार्य मुकेश पांडे, आचार्य विकास त्रिपाठी, आचार्य मुकेश त्रिपाठी, आचार्य पीयूष त्रिपाठी तथा सुदेश्वर,नवल राम,भंवरी, जुगल आदि सहित महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश से आए हजारों श्रद्धालु शामिल रहे।