विकास के नाम पर उत्तराखंड को विनाश की ओर धकेला-स्वामी शिवानंद


हरिद्वार। जोशीमठ व हिमालय में आ रही अन्य भीषण आपदाओं को लेकर मातृ सदन में 12 से 14 फरवरी को एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण सम्मलेन का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन में देश विदेश से गंगा प्रेमी भाग लेने आ रहे हैं। पर्यावरण सम्मेलन का उद्देश्य आपदा और पर्यावरण को लेकर सरकार,शासन-प्रशासन,संत समाज के साथ आमजन की जवाबदेही तय करना है। मातृसदन आश्रम जगजीतपुर में पत्रकार वार्ता के दौरान स्वामी शिवानंद ने कहा कि मातृसदन सदैव सत्य की लड़ाई लड़ता चला आ रहा है। मातृ सदन के संतों ने गंगा की रक्षा के लिए अपने प्राणों का भी बलिदान दिया है। शुरू से मातृ सदन ने सरकार को प्राकृतिक आपदा और पर्यावरण संरक्षण को लेकर सरकार को आगाह किया, लेकिन सरकार ने हर बार उनकी मांग को अनसूना कर दिया। विकास के नाम पर उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड को विनाश की ओर धकेल दिया है। जोशीमठ इसका जीता जागता उदाहरण है। इतना सब होने पर भी सरकार ने नदियों पर जारी परियोजनाएं को बंद नहीं किया तो एक दिन उत्तराखंड का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा। स्वामी शिवानंद ने कहा कि मातृ सदन में 12 से 14 फरवरी तक चलने वाले कार्यक्रम में न्यायपालिका, विधायिका,संत समाज एवं आमजन की भूमिका पर विचार मंथन कर जवाबदेही तय की जायेगी। उन्होंने कहा कि कि सम्मेलन में बंगाल,बिहार,झारखंड समेत अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में गंगा प्रेमी भाग लेने आ रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका से नेशनल मंडेला की सरकार में मंत्री नायडू भी अपने साथियों के साथ हरिद्वार आकर सम्मेलन में शिरकत करेंगे।