उत्तराखण्ड को बचाना हो तो तत्काल सभी जल परियोजनाओं को बंद करें-स्वामी शिवानंद

’’उत्तराखण्ड में आपदा को लेकर 12 से 14 फरवरी तक तीन दिवसीय सम्मेलन ’ 


 हरिद्वार। जोशीमठ आपदा एक मानवीय अपराध है। एनटीपीसी परियोजना को जारी रखने से जोशीमठ विनाश के कगार पर पहुंच गया है। ऐसे में उत्तराखंड सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती। उत्तराखंड सरकार को जोशीमठ सहित देवभूमि उत्तराखंड को बचाने की  चिंता है तो तत्काल सभी परियोजनाओं को बंद करने का आदेश जारी करना चाहिए।  जोशीमठ के संदर्भ में मातृ सदन आश्रम जगजीतपुर कनखल हरिद्वार में आगामी फरवरी माह में तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देश भर के वैज्ञानिक, संबंधित विभाग एवं न्यायालय को पत्र भेजकर जवाब मांगा जायेगा। सम्मेलन में वृहद विचार मंथन के बाद सरकार की जवाबदेही तय की जाएगी। मातृ सदन आश्रम में आयोजित पत्रकार वार्ता में स्वामी शिवानंद ने जोशीमठ आपदा को लेकर उत्तराखंड सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा राजा के अपराधों की सजा प्रजा को भोगनी पड़ती है। ऐसा उत्तराखंड में हुआ है। उत्तराखंड सरकार की लापरवाही का खामियाजा आम जनमानस को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा सरकार भ्रष्ट माफियाओं के नियंत्रण में हैं। इसलिए वैज्ञानिकों एवं पर्यावरण विदों की राय नहीं सुनी जा रही है, परिणाम सबके सामने है। स्वामी शिवानंद ने कहा है कि  आगामी 12 से लेकर 14 फरवरी तक  आश्रम में वृहद सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। जिसमें देशभर के वैज्ञानिक एवं बुद्धिजीवी वर्ग के लोग शामिल होंगे और विचार मंथन कर सरकार की जवाबदेही तय करेंगे। स्वामी शिवानंद ने कहा कि यह बात तय है कि जोशीमठ आपदा मानवीय अपराध है।एनटीपीसी की योजना के चलते जोशीमठ को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया है। स्वामी शिवानंद ने कहा उत्तराखंड सरकार की मंशा देवभूमि को बचाने की है तो तत्काल सभी परियोजनाओं को बंद कर देना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर उत्तराखंड को बचाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि एनएमसीजी माफियाओं का अड्डा बन गया है। सरकार माफियाओं के इशारे पर कार्य कर रही है। गंगा जैसी पवित्र नदियों का दोहन किया जा रहा है। विकास के नाम पर विनाश की पटकथा लिखी जा रही है। मातृ सदन सदैव सत्य की लड़ाई लड़ता आया है और भविष्य में भी लड़ता रहेगा। इस मौके पर साध्वी पद्मावती, ब्रह्मचारी दयानंद, ब्रह्मचारी सुधानंद, ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद सहित अन्य लोग मौजूद रहे।