दिव्य,शानदार और यादगार आयोजन के साथ मां सरस्वती पूजा का समापन

 


हरिद्वार। भव्य, दिव्य, अद्भुत, शानदार और यादगार आयोजन के साथ पूर्वांचल उत्थान संस्था का तृतीय सरस्वती पूजनोत्सव एवं महायज्ञ अनुष्ठान का समापन हुआ। शुक्रवार को हवन पूजन के बाद मां सरस्वती की स्थापित प्रतिमा को पूर्ण विधि विधान के साथ गंगा की नीलधारा में विसर्जित किया गया। इस मौके पर स्वामी संतोषानंद देव जी महाराज ने कहा कि मां सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति के मन और मस्तिष्क में बुद्धि का संचरण होता है। ऐसा कहा जाता है कि जहां मां सरस्वती विराजमान रहती हैं। उस जगह मां लक्ष्मी अवश्य वास करती हैं। दैविक काल में सर्वप्रथम भगवान श्रीकृष्ण जी ने मां शारदे की पूजा आराधना की थी। इन्हें संगीत की देवी भी कहा जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार, माघ महीने में वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा मनाई जाती है। इस दिन मां शारदे का आह्वान किया जाता है। खासकर विद्यार्थी सरस्वती पूजा को उत्सव की तरह मनाते हैं। बंगाल और बिहार समेत देश के कई राज्यों में सरस्वती पूजा धूमधाम से मनाई जाती है। विद्यार्थी वर्ग को प्रतिदिन विद्या प्राप्ति के लिए मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करना चाहिए। इसके पूर्व गुरुवार को गुरूवार को कार्यक्रम पहले दिन संस्था के सदस्यों ने पूरी आस्था और विश्वास के साथ मां सरस्वती की प्रतिमा की स्थापना के साथ पूजन किया और नन्हे-मुन्ने बच्चों का विद्यारंभ संस्कार के उपरांत ध्वजारोहण एवं राष्ट्रगान में शामिल होकर गणतंत्र दिवस का पर्व मनाया। देशभक्ति की भावना का परिचय दिया। सांयकाल में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का बेजोड़ प्रदर्शन करते हुए समा बांध दिया। इस कड़ी में कला के लिए कार्य कर रही सामाजिक समिति ’इमैक’ के युवा कलाकारों में कु० अनन्या भटनागर ने अपनी मधुर आवाज में गणेश वंदना, नमो नमो जी शंकरा, सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को,कृष्ण भजन मैडले राम भजन मेडले, अपनी वीणा के तारों से मां शारदा सरस्वती स्तुति का गायन कर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया। सरस्वती वन्दना नृत्य प्रस्तुती में आरोही,अवनी,श्रेया,परिधि,चंचल और वेलिना ने अपनी प्रतिभा बिखेरी। समूह नृत्य शुभ दिन आयो रे में सीची गोएल, प्रयांशी, देवांशी, अर्ना और आध्या ने समूह नृत्य पेश किया। देशभक्ति एकल नृत्य प्रस्तुती कु०रिदम झा ने पेशकर तालियां बटोरी। संस्था के सदस्य एवं कार्यक्रम संचालक इमैक समिति के संस्थापक अध्यक्ष आशीष कुमार झा ने भी शानदार पंक्तियों ‘‘मैं गीतों से तुमको जरा छू रहा हुं‘‘ से सबको मंत्र मुग्ध किया। इमैक प्रस्तुती गंगा अवतरण वैष्णवी झा,आशु वर्मा,आयुष डंगवाल,अनन्या भटनागर, स्नेहा खुराना,हिमांशी खुराना,दीपिका राजपुत और आरती राजपुत ने भाव विभोर कर दिया। एकल कथक नृत्यः वैष्णवी झा ने भी वाहवाही लूटी। सन्नी शिव महिमा आर्टिस्ट ग्रुप एवं तरुण शक्ति इवेंट्स ग्रुप के कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का बेजोड़ नमूना पेश करते हुए लोगों को सीट से चिपके रहने के लिए मजबूर कर दिया,उन्होंने भगवान शिव पार्वती,मां काली,राधाकृष्ण की शानदार झांकी पेश कर उपस्थित जनसैलाब को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूर्वांचल उत्थान संस्था की ओर से सभी प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यक्ष सीए आशुतोष पांडेय,महासचिव बीएन राय,कोषाध्यक्ष विनोद शर्मा,रामकिशोर मिश्रा,राजेश राय,रंजीता झा,रामसागर जायसवाल, रामसागर यादव,प्रशांत राय,राकेश राय,डॉ शम्भू कुमार झा, डॉनारायण पंडित,रूपलाल यादव,विनोद शाह,दिलीप कुमार झा,वरूण शुक्ला,मिथलेश तिवारी, विभाष मिश्रा,काली प्रसाद साह,विष्णु देव शाह,अबधेश झा,संतोष पांडेय,कामेश्वर यादव, संतोष कुमार,संतोष झा,राजेश झा,सहित अन्य गणमान्य सदस्यों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। कार्यक्रम में नगर मजिस्ट्रेट अबधेश कुमार सिंह,वीके त्रिपाठी,रवि मिश्रा,मनोज शुक्ला,महेश दूबे,विवेक तिवारी,ऐश्वर्य पांडेय,रमेश पांडेय,राम अवतार सिंह,कमलेश सिंह,एसएन झा,एके पांडेय,कृष्ण पांडेय,प्रभात कुमार,नीलम राय,रश्मि झा,ज्योति झा,रीना झा,सरिता मिश्रा,राखी झा,मिनाक्षी झा, मोनी ठाकुर,सुधा राठौर,यतीश राठौर ,राजेश सिंह, आरके सिंह,अतुल राय सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।