हरिद्वार। पटवारी भर्ती पेपर लीक कांड की जांच कर रही एसआईटी ने प्रश्नपत्र खरीदने वाले अभ्यर्थियों से पूछताछ शुरू कर दी है। एसआईटी का पर्यवेक्षण कर रहे एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह ने साफ किया है कि जांच में जिसकी भी संलिप्तता पाई जाएगी, उस पर कठोर कार्रवाई होगी, चाहे वह आयोग के अंदर का हो या बाहर का चाहे किसी भी पद पर वह कार्यरत हो। गुरूवार को मीडिया को जारी बयान में एसएसपी अजय सिंह ने साफ किया है कि मामले में किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा। उत्तराखण्ड राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से 8 जनवरी को संपन्न कराई गई पटवारी भर्ती की लिखित परीक्षा में नकल का उत्तराखंड एसटीएफ ने भंडाफोड़ किया था। एसआईटी की ओर आयोग के अति गोपनीय विभाग में तैनात अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी और उसकी पत्नी रितु सहित आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। जबकि मामले में सम्बन्ध में कनखल थाना में मुकदमा दर्ज है। पेपल लीक मामले की जांच कर रही एसआईटी ने 2 दिन पहले ही राज्य लोक सेवा आयोग पहुंचकर परीक्षा की प्रक्रिया को समझा, एसआईटी की टीम ने यह भी देखा कि प्रश्नपत्र कहां तैयार होता है इसके बाद प्रश्न पत्र रखने की क्या व्यवस्था है। इतना ही नहीं संजीव चतुर्वेदी के बारे में भी एसआईटी ने जानकारियां हासिल की है। उसका कार्यालय कहां है उसने अपने मोबाइल फोन से प्रश्न पत्र का फोटो कैसे खींचा होगा। इसके अलावा यह पता लगाने का प्रयास भी किया गया है कि कौन-कौन संजीव चतुर्वेदी का करीबी था। आयोग कार्यालय में पूरी कुंडली खंगालने और अहम जानकारियां लेकर एसआईटी की टीम आयोग से लौट आई। एसआईटी के पर्यवेक्षण अधिकारी एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि प्रश्नपत्र खरीदने वाले अधिकांश अभ्यर्थियों को एसआईटी ने सत्यापित कर लिया है। उनके बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रश्नपत्र लीक करने के मामले में जिन आरोपियों के बारे में सुराग मिले हैं उनकी तलाश के लिए पुलिस टीम को लगाया गया है। जल्द ही पेपर लीक कांड में शामिल अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। एसएसपी ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच के दौरान जिस की संलिप्तता पाई जाएगी उस पर निश्चित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने साफ किया कि मामले की जांच में एसआईटी द्वारा हर पहलू की बारीकि से जांच की जा रही है।
पटवारी भर्ती पेपर लीक कांड मामले में किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा-अजय सिंह