भागवत कथा श्रवण से दूर होते हैं सभी कष्ट-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

 


हरिद्वार। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वाधान में विकास कॉलोनी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस पर भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि भागवत कथा श्रवण से मनुष्य के सभी कष्ट दूर होते हैं। जीवन एवं मरण सुधरता है। भक्ति के लिए कोई अवस्था निर्धारित नहीं है। जब भी मन करे भगवान का स्मरण करना चाहिए। बहुत से लोग कहते हैं कि भक्ति के लिए बुढ़ापे की अवस्था होती है लेकिन यह बात गलत है। भक्ति करने के लिए शास्त्रो में कोई भी अवस्था  निर्धारित नहीं है। भक्ति से बालक धु्रव ने 5 वर्ष की अवस्था में ही भगवान को प्राप्त कर लिया था। शुकदेव को जन्म के बाद प्रभु के दर्शन एवं ज्ञान प्राप्ति हो गई थी। ये दोनो महाज्ञानी थे। भक्ति की लगन बालपन से ही लगनी चाहिए। भक्ति कभी रुकनी नहीं चाहिए। तेरह करोड़ जाप होने के बाद भगवान से साक्षात्कार होता है। वेद व्यास ने श्रीमद्भागवत में भगवान के चैबीस अवतारों का विस्तार से वर्णन किया है। अवतारों की कथा का जो भी  श्रवण करता है, उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है। कथा व्यास ने कहा कि सूर्यनारायण साक्षात देवता है। जिनके हमें  प्रतिदिन प्रत्यक्ष दर्शन होते हैं। सूर्योदय से पहले हमें सैय्या का त्याग कर स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा-पाठ में लग जाना चाहिए। जो लोग सूर्य उदय के बाद सो कर उठते है। उस घर मे दरिद्रता का वास रहता है। प्रत्येक माह मे दो बार एकादशी तिथि आती है। इस तिथि को हमें व्रत रखना चाहिए। एकादशी के दिन भोजन नहीं करना चाहिए। इस दिन जो अन्न खाता है,वह पाप खाता है। कर्मों के हिसाब से ही व्यक्ति को स्वर्ग और नरक की प्राप्ति होती है। बुरे कर्म करने वाले को उसके बुरे कर्मों के हिसाब से ही नरक यातना भोगनी पड़ती हैं। मुख्य जजमान नरेंद्र ग्रोवर, ललिता ग्रोवर,रोहित ग्रोवर,अर्पिता ग्रोवर,जगदीश ग्रोवर,महेश ग्रोवर, ललित ग्रोवर, पूनम ग्रोवर, पारस ग्रोवर,जगदीश ग्रोवर,हरीश ग्रोवर,आरती ग्रोवर,अरुण ग्रोवर,राधा ग्रोवर, महेश देवी ग्रोवर,आकांक्षा,पुलकित,सोनाली, अभिनव,रश्मि,अजीत,अंकित,रोशनी, शांति, विष्णु गौड़, पंडित जगदीश प्रसाद,पंडित गणेश कोठारी आदि ने भागवत पूजन किया।