परिक्रमा की काव्य गोष्ठी में ‘राम भगती सुखसागर‘ का लोकार्पण


हरिद्वार। गणतन्त्र दिवस के साथ-साथ,वसंत पंचमी का भी उत्सव मनाते हुए नगर की अग्रणी साहित्यिक संस्था परिक्रमा साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच ने देर शाम तक चली शानदार कवि गोष्ठी के साथ पाइनक्रेस्ट एकेडमी,ज्वालापुर में देर अपना स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर जहाँ शहर भर के नामी-गिरामी कवियों ने अपनी-अपनी भाव व ओजपूर्ण रचनाओं के माध्यम से भारतीय गणतंत्र के रणबाँकुरों को काव्यगत भावांजलि भेंट की, तो वही वह ऋतुराज वसंत के आगमन का अभिनंदन करने से भी नहीं चूके। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डा.महावीर अग्रवाल ने, शहर के भजन गायक और कवि अभिनन्दन ‘अभि रसमय‘ की भजन पुस्तिका ‘राम भगति सुखसार‘ का लोकार्पण भी किया। साथ ही आर्मी पब्लिक स्कूल, रायवाला की प्रधानाचार्या कैप्टन दीक्षा शर्मा ने अपना नवप्रकाशित काव्य संग्रह ‘अंतसः एक प्रतिनिधि‘ भी मुख्य अतिथि डा. महावीर अग्रवाल को भेंट किया। काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता पं.ज्वाला प्रसाद शान्डिल्य ‘दिव्य‘ तथा संचालन संस्था सचिव शशिरंजन ‘समदर्शी‘ ने किया। गोष्ठी की शुरुआत दीप प्रज्वलन, कुसुमांजलि और कवियित्री राज कुमारी की वाणी वंदना से हुई, जिसके बाद वसंत का स्वागत करने आये कवियों में कुंवर पाल सिंह ‘धवल‘ ने ‘बगिया पे यौवन है, फूली अमराई है, कविता बौराई है, अरुण कुमार पाठक ने गीत ‘मन फूल उठा झूल उठा, जब आई फागुन बयार, पिया का संदेशा लिये‘, और श्रीमति कंचन प्रभा गौतम ने ‘पीली-पीली सरसों के खेतों में बसंत बयार सुहानी हूँ, प्रभु मिलन की बाट देखती गौतमी मस्तानी हूँ‘ के साथ जीवन दर्शन प्रस्तुत किया। देशभक्ति के भाव जगाने में डा. मीरा भारद्वाज ने ‘चंदन माटी मेरे देश की, दिल ने यही पुकारा है, अभिलाषा फिर जन्म यहीं लूँ, भारत मुझको प्यारा है‘,कवि देवेन्द्र मिश्र ने ‘कामना है यही देश चंगा रहे, हम सभी के हृदय में गंगा रहे‘,डा.सुशील कुमार त्यागी ‘अमित‘ ने ‘एकता अखंडता का दीप हम जलाएंगे, लौह पुरुष पटेल जैसे बन के हम दिखाएंगे‘,अमन शुक्ला ‘शशांक‘ ने ‘जिस मिट्टी में जन्म लिया मैं उसको बाँट नहीं सकता, भूखा मरना मुझे गंवारा, मैं जूते चाट नहीं सकता‘, महेंद्र माही ने ‘धर्म अनेक रूपरंग की विविधता है, जैसे कई रंगों में सजा हुआ बागान है, बच्चा-बच्चा जिसकी अखंडता पर नाज करें, ऐसे प्यारे देश का ही नाम हिंदुस्तान है‘, कर्मवीर ने‘एक भारत श्रेष्ठ भारत,अनेकता में एकता सर्वश्रेष्ठ भारत‘ मेरा‘,डा.कल्पना कुशवाहा ‘सुभाषिनी‘ ने भारत माँ की शान में जिसने अपना सब कुछ वारा है, ऐसे वीर जवानों को शत-शत नमन हमारा है‘, शशिरंजन ‘समदर्शी‘,राजकुमारी थर्रान ने ‘हे भारत के अमर शहीदों, शत-शत तुम्हें प्रणाम है, तुमसे ही जन गण मन है, तुमसे ही हिंदुस्तान है‘ सुनाकर खूब तालियाँ लूटीं। कवि मदन सिंह यादव ने ‘हरा वृक्ष कटने न पाए, रक्षा व्रत अपनाना होगा, तरह-तरह के वृक्ष लगाकर धरती पुनः सजाना होगा, के साथ वृक्षारोपण की अपील की तो कैप्टन दीक्षा शर्मा ने ‘आकाश क्यों सिकुड़ने सिमटने लगा है, सीमाओं में अकारण यूँ बंधने लगा है‘,नीता नय्यर ‘निष्ठा‘ ने ‘अजनबी इस कदर है अपना शहर अपने लिये‘, चित्रा शर्मा ने ‘तेरे सीने में भरती रसधार मधुर हूँ,पत्नी कहो, भार्या कहो, पर मैं अविचल हूँ‘, संजीव शर्मा ‘अंश‘ ने ‘शिकायतों की अपनी मर्यादा और इज्जत होती है,सबसे नहीं करनी चाहिए‘ सुनाया, तो मनन वर्मा, एडवोकेट कुलदीप कुमार खण्डेलवाल, डा.महावीर अग्रवाल ने भी अपने विचार रखे।