सेना है तो हमारी सीमायें सुरक्षित है-स्वामी चिदानन्द सरस्वती

 


ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने भारतीय सेना दिवस के अवसर सीमाओं पर शान्ति, अमन, निःस्वार्थ सेवा, देशप्रेम, राष्ट्रभक्ति और भाईचारे की मिसाल कायम करने वाली हमारी भारतीय सेना का अभिनन्दन करते हुये कहा कि सेना है तो हम है, हमारे देश की सीमायें सुरक्षित है और चारों ओर अमन और शान्ति है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि हमारे सैनिक देश की सीमाओं पर अद्म्य साहस और बहादुरी के साथ अपने वतन की रक्षा के लिये हमेशा तैनात रहते हैं और दुश्मनों का सामना करते है। भारत का प्रत्येक सैनिक किसी संत से कम नहीं है। स्वामी जी ने कहा कि हमारी सीमाओं पर सैनिक हैं तो हमारी सीमायें सुरक्षित है। सैनिक है तो हम हैं, हमारा अस्तित्व है और आज हम सब सुरक्षित हैं व जिंदा है। सैनिक अपनी जान को हथेली पर रखकर अपने देश की रक्षा करते हैं। हमारे सैनिक भारत माता की रक्षा के लिये हसंते-हसंते अपनी जान कुर्बान कर देंते हैं। धन्य है वे माता-पिता जिन्होनें भारत को ऐसे बहादुर सपूत दिये जिनके कारण भारत आज गर्व से खड़ा है और भारतीय सेना दिवस मना रहा है। इस वर्ष 15 अगस्त 2023 को देश की आजादी के 76 वर्ष पूरे हो जाएँगे। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर भारतीय सेना दिवस मनाना और भी महत्वपूर्ण है। भारत में हर साल 15 जनवरी को जवानों और भारतीय सेना की याद में सेना दिवस मनाया जाता है। 15 जनवरी, 1949 को, फील्ड मार्शल कोडंडेरा एम. करियप्पा जो उस समय लेफ्टिनेंट जनरल थे, ने जनरल सर फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ के रूप में पदभार ग्रहण किया था। के. एम. करियप्पा ने ‘जय हिंद’ का नारा अपनाया जिसका अर्थ है ‘भारत की जीत’ से है। भारत के उन सैनिकों को सम्मानित करने के लिये प्रत्येक वर्ष देश आज के दिन सेना दिवस मनाता  है, जिन्होंने निस्वार्थ सेवा और भाईचारे की सबसे बड़ी मिसाल कायम की है तथा जिनके लिये देश-प्रेम सबसे बढ़कर है ऐसी हमारी सेना और सैनिकों को नमन और अभिनन्दन। आज की परमार्थ गंगा आरती भारतीय सेना को समर्पित की और शहीद जवानों को भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की।