व्यापारियों ने की कोविड क्रफ्यू के दौरान दर्ज मुकद्मे वापस लेने की मांग

 


हरिद्वार। भेल व्यापार मण्डल के प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व विधायक संजय गुप्ता से मिलकर कोविड के दौरान दर्ज मुकद्मे वापस लिए जाने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन भी संजय गुप्ता को सौंपा। इस दौरान भेल व्यापार मंडल के अध्यक्ष मुकेश चौहान, सचिव डा.हिमांशु द्विवेदी, विक्रांत आहूजा एवं विजय कुमार बंसल आदि ने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की कैबिनेट ने कोविड महामारी के दौरान राज्य में लॉकडाउन की अवधि में आपदा प्रबंधन अधिनियम एवं महामारी अधिनियम के अंतर्गत दर्ज सभी मुकदमे वापस लेने का निर्णय लिया था। इस संबंध में 16 मार्च 2021 को सचिव गृह द्वारा आदेश भी जारी किए गए थे। लेकिन इसका लाभ पूरे प्रदेश मे किसी को नहीं मिल सका। आदेश का अनुपालन ना होने दशा मे अपर सचिव द्वारा पुनः 24 जून 2021 को समस्त जिला अधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, निदेशक अभियोजन एवं पुलिस महानिदेशक को अनुपालन की कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए थे। परंतु इस आदेश से भी एक भी व्यापारी लाभान्वित नहीं हुआ और उन पर मुकदमे कायम रहे तथा न्यायालय से सम्मन में भी प्राप्त होने लगे। किसी व्यापारी संगठन ने भी इस संबंध में कोई आवाज नही उठाई। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि संयुक्त निदेशक अभियोजन से मिलने पर जानकारी मिली कि शासन द्वारा जारी आदेश में तकनीकी कमी होने के कारण कोर्ट ने उसे नहीं माना। आईपीसी 188 का आदेश मे कहीं जिक्र नहीं है। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर किसी भी जिले से गृह विभाग को यह जानकारी नहीं दी गई। व्यापार मण्डल के सचिव डा.हिमांशु द्विवेदी ने बताया कि आपदा प्रबंधन व महामारी अधिनियाम के अंतर्गत प्रदेश में लगभग 43 हजार मुकदमे दर्ज हुए थे। अकेले हरिद्वार में ही 970 से अधिक मुकदमे लोगों पर दर्ज हुए थे। लेकिन सरकार की हीलाहवाली और नौकरशाहों की गलती का खामियाजा लगभग 165 लोगों को कोर्ट मे अपना अपराध स्वीकार कर और जुर्माना भरकर भुगतना पड़ा। अभी भी हरिद्वार मे 700 के करीब मुकदमे कोर्ट मे विचाराधीन है। जबकि पड़ोसी उत्तर प्रदेश में आपदा के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लेने की मुख्यमंत्री की घोषणा के फौरन बाद सभी मुकदमें वापस ले लिये गये। पूर्व विधायक संजय गुप्ता ने व्यापारियों को आश्वस्त किया कि दर्ज मुकदमे वापस कराए जाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर वार्ता कर संशोधित आदेश शीघ्र जारी करने का अनुरोध भी किया।