आपदा प्रबंधन की बैठक में जिलाधिकारी ने दिए कई जरूरी निर्देश

 जनपद में अब तक बांटे जा चुके है 1200कम्बल


हरिद्वार। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में बुधवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह ’किरण चौधरी’,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने भी प्रतिभाग किया। बैठक में आपदा प्रबन्धन अधिकारी सुश्री मीरा रावत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से शीत लहर से बचाव हेतु-अलाव,रैन बसेरा, कम्बल वितरण,बजट की व्यवस्था आदि के सम्बन्ध में आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के अध्यक्ष,उपाध्यक्ष,सदस्यों के समक्ष विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। जिलाधिकारी ने बैठक में रैन बसेरों के सम्बन्ध में अधिकारियों से विस्तृत जानकारी लेते हुये पूछा कि जनपद में कहां-कहां रैन बसेरे संचालित किये जा रहे हैं। इस पर अधिकारियों ने एक-एक करके रैन बसेरों के सम्बन्ध में जिलाधिकारी को जानकारी दी। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अगर कहीं पर रैन बसेरा बनाये जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है, तो किराये के भवन आदि में भी रैन बसेरा संचालित किया जाये। अधिकारियों ने बैठक में ये भी बताया कि भगवानपुर में रैन बसेरा की आवश्यकता महसूस की जा रही है तथा मंगलौर में जगह है, जिसे ठीक कराने की आवश्यकता पड़ेगी। इस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि ये व्यवस्था करवाना सुनिश्चित करें तथा बजट की व्यवस्था आपदा प्रबन्धन मद से हो जायेगी। उन्होंने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी रैन बसेरों का एक विजिट कर लें तथा उनमें और क्या-क्या सुधार किये जा सकते हैं, के सम्बन्ध में एक विस्तृत रिपोर्ट यथाशीघ्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। श्री पाण्डेय द्वारा बैठक में अभी तक कम्बल वितरण के सम्बन्ध में पूछे जाने पर आपदा प्रबन्धन अधिकारी ने बताया कि जनपद में अभी तक लगभग 1200 कम्बलों का वितरण किया जा चुका है तथा कम्बलों के वितरण का क्रम निरन्तर जारी है। बैठक में राज्य आपदा मोचन निधि के अन्तर्गत मरम्मत एवं पुननिर्माण की मद से कराये जा रहे,कराये जाने वाले कार्यों के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने विस्तृत जानकारी ली। जिलाधिकारी ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र,प्राथमिक विद्यालय, पीएचसी,सीएचसी के भवन आदि के पुनर्निर्माण से सम्बन्धित जितने भी दो लाख के बजट के अन्दर के कार्य हैं, उन्हें शहरी क्षेत्रों में कार्यदायी संस्था विकास प्राधिकरण तथा ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण निर्माण विभाग के माध्यम से करवाना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी द्वारा राज्य आपदा मोचन निधि के अन्तर्गत तैयारी एवं क्षमता विकास मद एवं विजन-2020 के तहत कराये जाने वाले कार्यों के सम्बन्ध में पूछे जाने पर अधिकारियों ने बताया कि इस मद से प्रशिक्षण दिये जाने के साथ ही कम्युनिकेशन की क्षमता को बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि इस मद से जहां-जहां भी जनरेटर तथा पम्पों को देने की आवश्यकता है, उन्हें उपलब्ध कराया जाये। आपदा न्यूनीकरण मद के अन्तर्गत कराये जा रहे कार्यों के सम्बन्ध में सिंचाई विभाग तथा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने इस मद से कराये जा रहे कार्यों-पुल, पुलिया, कल्वर्ट आदि का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया तथा बताया कि अधिकतर कार्य शीघ्र ही पूर्ण हो जायेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि कार्य सम्पन्न कराये जाने में कहीं से कोई प्रतिरोध पैदा होता है,तो उसकी सूचना तुरन्त सम्बन्धित एसडीएम को देना सुनिश्चित करें तथा कहीं पर भी कोई कार्य रूकना नहीं चाहिये। बैठक मंे ड्रेनेज के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा हुई, जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि टाउन एरिया सहित जहां पर भी ड्रेनेज सिस्टम विकसित करने की आवश्यकता है,अपना प्रस्ताव देना सुनिश्चित करें,क्योंकि इस मद में बजट की कहीं कोई दिक्कत नहीं है। बैठक में एसडीएम हरिद्वार ने भगत सिंह चौक के पास होने वाले जल भराव का प्रकरण रखा। इस पर जिलाधिकारी ने जल निगम से चर्चा करके प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। बैठक में श्यामपुर कांगड़ी में गंगा से हो रहे भूमि कटाव आदि के सम्बन्ध में भी चर्चा हुई। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन,अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) पी0एल0 शाह, संयुक्त मजिस्ट्रेट भगवानपुर आशीष कुमार मिश्रा,संयुक्त मजिस्ट्रेट रूड़की अभिनव शाह,एसडीएम पूरण सिंह राणा,एसडीएम लक्सर गोपाल राम बिनवाल,एमएनए हरिद्वार दयानन्द सरस्वती,एमएनए रूड़की विजयनाथ शुक्ल,एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह,मुख्य चिकित्साधिकारी आर0के0 सिंह,अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण सुरेश तोमर, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 योगेश शर्मा,जिला शिक्षा अधिकारी नरेश हल्दियानी,एआरटीओ सुश्री रश्मि पन्त, एक्जिक्यूटिव अधिकारी सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।