बलिदानी परम्परा के मूल्यों से प्रेरणा लेकर राष्ट्रीय भावना विकसित करने के लिए आगे आना होगा-पदम सिंह

 हरिद्वार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचार प्रमुख पदम सिंह ने कहा है कि भारत की परंपरा में वीर बालकों के बलिदान का सर्वश्रेष्ठ इतिहास रहा है। आज हमें इस बलिदानी परंपरा के मूल्यों से प्रेरणा लेकर लोगों में राष्ट्रीय भावना विकसित करने के लिए आगे आने की जरूरत है। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में सोमवार को आयोजित वीर बाल दिवस समारोह में मुख्य अतिथि पदम सिंह ने रुड़की के पास स्थित कुंजा बहादुरपुर गांव का जिक्र करते हुए कहा कि जहां आजादी के आंदोलन में 44 लोगों को फांसी दी गई, यह बलिदान इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। इसी प्रकार गुरु गोविंद सिंह के दोनों साहिबजादों के बलिदान की घटना रोंगटे खड़े कर देती है। उन बच्चों ने देश धर्म के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। गुरु गोविंद के बलिदानी परिवार की घटना में आज भी झकझोर देती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भारत तिब्बत समन्वय संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर प्रयाग दयाल ने कहा कि हमारे देश का गौरव कहीं नहीं गया, अब सही समय आया है जब हम अपने इतिहास से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ सकते हैं। कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने कहा कि इतिहास की सही जानकारियां जन-जन तक पहुंचाई जानी चाहिए। इस कार्यक्रम के आयोजन के पीछे का उद्देश्य भी यही है। इससे पूर्व कार्यक्रम के संयोजक डॉ दामोदर ने स्वागत भाषण दिया। सह संयोजक डॉ कंचन तिवारी,प्रभारी मीनाक्षी सिंह रावत ने अतिथियों का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर प्रोफेसर दिनेश चंद चमोला, डॉक्टर सुशील उपाध्याय, डॉ शैलेश तिवारी,डॉ बिंदुमती द्विवेदी, डॉ अजय परिहार, सागर के मरिया तथा अमन दुबे आदि मौजूद थे।