श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पूजा से दिया प्रकृति के संरक्षण का संदेश-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

 


हरिद्वार। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वाधान में प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के षष्टम दिवस पर भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पूजन करवाकर प्रकृति का संवर्धन करने की प्रेरणा दी है। कथा का श्रवण कराते हुए बताया कि एक बार जब बृजवासी देवराज इंद्र का पूजन करने जा रहे थे तो कृष्णा ने सभी बृजवासियों से पूछा कि इंद्र का पूजन करने से क्या होता है। बृजवासियों ने कहा कि इंद्र बरसात के देवता हैं। बारिश होती है तो हरी हरी घास उत्पन होती है। उस घास को गाय खाती है और दूध देती है। हम सब दूध दही माखन को बेच कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। कृष्ण ने बृजवासियों से पूछा कि आप लोगों ने देवराज इंद्र को कभी देखा है। ब्रज वासियों ने मना करते हुए कहा कि कभी देखा तो नहीं है। श्रीकृष्ण ने कहा जिसको को देखा ही नहीं है। उसका पूजन करने से क्या लाभ। हमारे प्रत्यक्ष देव गोवर्धन देव हैं। जो कि हमें साक्षात दर्शन दे रहे हैं। गोवर्धन पर्वत के ऊपर पेड़ पौधे, हरियाली व प्रकृति के कारण हम श्वास ले पा रहे हैं और जीवित हैं। गौमाता को भी घास की व्यवस्था प्रकृति कर रही है। इसलिए हम सबको प्रकृति, पेड़ पौधों, पहाड़, पर्वत का पूजन करना चाहिए। श्रीकृष्ण के कहने पर सभी बृजवासीयों ने गोवर्धन का पूजन किया। शास्त्री ने बताया कि वर्तमान समय में लोग प्रकृति के साथ छेड़खानी कर रहे हैं,  अपने स्वार्थ के लिए जंगलों, पेड़ पौधों को काट रहे हैं। कोरोना काल में सभी ने देखा कि किस प्रकार से ऑक्सीजन की कमी होने के कारण लोगों का समस्या का सामना करना पड़ा। अपने प्राणों एवं अपने स्वास्थ्य रक्षा के लि प्रकृति की रक्षा एवं सुरक्षा का संकल्प लेना होग। पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने सभी को जन्मदिवस या शादी की सालगिरह पर एक फलदार या छायादार वृक्ष सभी लगाने का संकल्प भी दिलाया। कथा के दौरान सभी भक्तों ने मिलकर देवी रुक्मणी एवं द्वारिकाधीश का विवाह महोत्सव धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर विधायक माननीय मदन कौशिक, मुख्य यजमान विपिन वडेरा, पूनम वडेरा, विवेक वडेरा, प्रदीप वडेरा, अन्नू वडेरा, लक्ष्य वडेरा, रियांश बडेरा, मीनू डल, पुष्पेंद्र डल, ममता पुरी, अजय कुमार शायी, सुमित शायी, गीता शायी, लक्ष्मी शायी, सपना बीज, सतीश कुमार बीज, पंडित उमेश जोशी, पंडित जगदीश प्रसाद खंडूरी, पंडित गणेश कोठारी, पंडित हरीश शर्मा, पंडित विष्णु आदि ने भागवत पूजन कर कथा व्यास से आशीर्वाद प्राप्त किया।