हरिद्वार। सिडकुल हरिद्वार में पेन बनाने वाली एक कंपनी से निकाले गए कर्मचारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना दिया। इस दौरान कर्मचारियों ने कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सूचना पाकर मौके पर उप जिलाधिकारी हरिद्वार पूरन सिंह राणा ने कामगारों का धरना समाप्त कराने का प्रयास किया, लेकिन कामगार नहीं माने। धरना पर बैठे कर्मियों का कहना है कि कंपनी प्रबंधन ने अचानक कंपनी बंद कर दी और उन्हें बेरोजगार बनाकर रख दिया। ऐसे में उनका भविष्य क्या होंगा। इस मौके पर भारतीय मजदूर संघ के प्रांतीय मंत्री सुमित सिंघल ने श्रम विभाग पर आरोप लगाया है कि विभाग के अधिकारियों ने कंपनी प्रबंधन के साथ मिलकर कामगारों की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ने दी। अब कर्मचारी गुरुवार एवं शुक्रवार तक सुबह दस से शाम 5ः00 बजे तक धरने पर बैठेंगे। उसके बाद जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर दिन रात का धरना शुरू किया जाएगा। सुनीता, भगवती देवी, साधना, मीना रस्तोगी, ममता, सुनीता, किरण, प्रीति, बबीता, बृजेश, नाजरीन, मीना, रीना, आशा, रुबीना, नगमा, सुनीता, शिखा आदि निकाले गए कर्मचारियों ने कहा कि उप जिलाधिकारी ने उनको जबरदस्ती उठाने का प्रयास किया था, लेकिन कर्मचारियों की मांग जब तक पूरी नहीं होगी वह धरना स्थल से नहीं हटेंगे। महिलाओं ने कहा कि हमारे परिवार में बच्चे हैं उन्हें लेकर हम कहां जाएं। कम्पनी बंद होने को एक महीना होने जा रहा है। श्रम विभाग ने केवल कंपनी पर तालाबंदी किया। तालाबंदी से उनको न्याय नहीं मिलेगा। न्याय तभी मिलेगा,जब कंपनी प्रबंधन कामगारों के साथ बैठकर वार्ता करेंगे। श्रम विभाग की तरफ से कंपनी के खिलाफ आसी काटने की संस्तुति की गई। श्रम विभाग की हीला हवाली के कारण ग्रेजुएटी के लिए भी कंपनी पर केस फाइल तक नहीं किया गया है। इस मौके पर अमन, सुमित कुमार, जीतू गौतम, हिमांशु कुमार, मनीष कश्यप, अंकित शर्मा, सुमित कुमार, अजय कुमार, राजू, परमजीत, महेश आदि ने कहा कि अपने बच्चों की फीस मकान का किराया घर का राशन कंपनी में काम कर कर ही पूरा किया जाता है। अब जब कंपनी में काम नहीं मिलेगा तो कहां जाएंगे।
कंपनी से निकाले गए कर्मचारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना दिया