प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आदेश पर उच्च न्यायलय की रोक,उद्यमियों में खुशी

 हरिद्वार। उच्च न्यायालय द्वारा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आदेश पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है। उक्त आदेश में कंट्रोल बोर्ड ने प्लास्टिक मैनेजमेंट कानून के तहत उत्तराखंड की साढे सत्रह सौ फैक्ट्रियों की एनओसी रद्द कर दी थी। इनमें हरिद्वार की 755फैक्ट्रियां भी शामिल है। उच्च न्यायालय के फैसले के बाद उद्यमियों ने राहत की सांस ली है। रोक लगाने के बाद उद्यमियों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर अपनी खुशी का इजहार किया। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड एक आदेश जारी कर प्लास्टिक मैनेजमेंट से जुड़े उद्योगों की एनओसी को रद्द कर दी थी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के खिलाफ उत्तराखंड के उद्यमियों के सात बड़े संगठनों ने उच्च न्यायालय में रिट दायर की थी। संगठनों ने सिडकुल मैन्यूफैचरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष हरेंद्र गर्ग को मुकदमे की पैरवी के लिए अधिकृत किया था। एसोसिएशन के अध्यक्ष हरेंद्र गर्ग के अनुसार उच्च न्यायालय में इस मामले को लेकर एक वाद दायर किया गया था जिसमें उच्च न्यायालय ने प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के उस आदेश पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है, जिसमें उत्तराखंड के हजारों प्लास्टिक मैनेजमेंट एक्ट से जुड़े उद्योग थे, आदेश पर रोक लगाये जाने के बाद उद्योग जगत में खुशी की लहर है। कोर्ट के आदेश जारी होते ही फिलहाल यथास्थिति हो गई है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के बड़े और मझौले उद्योग प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आदेश से प्रभावित है। क्योंकि मामला एपीआर से जुड़ा है। उद्योगों द्वारा कार्यशाला कर आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। हरेंद्र गर्ग के अनुसार कोर्ट से उद्यमियों की यही मांग है कि जब तक प्लास्टिक मैनेजमेंट से जुड़े उद्योग अपना रजिस्ट्रेशन ना करा लें तब तक उनकी उद्योगों को यथास्थिति से चलने दिया जाए। उच्च न्यायालय से राहत पाने के बाद खुशी जताने वालों में रविंद्र चौहान, अरविंद चौहान, राकेश त्यागी, राज अरोड़ा, गौतम कपूर, मनोज सदावर्ते, मुकुल गर्ग, मोहम्मद मुस्तकीम, पंकज गुप्ता, राजीव अग्रवाल, प्रमोद कुमार, संजय सिकारिया, अनिल मारवा, राकेश भाटिया, विकास गर्ग, सोनिया गर्ग तथा आशीष गुप्ता आदि कई शामिल थे।